देहरादून: बारिश ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी तबाही मचाई है। देहरादून के पास मालदेवता सरखेत, टिहरी और यमकेश्वर इलाके में बादल फटने से भारी तबाही मची है। जिलाधिकारी सोनिका के मुताबिक आपदा में पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। जबकि तीन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं कीर्तिनगर क्षेत्र में सुबह 7 बजे ग्राम कोठार में 14-15 कमरों का आवासीय भवन भूस्खलन होने से मलबे में दब गया है। जिससे 80 वर्षीय बचनी देवी दब गई है।
आपदा में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंच गई है । कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। फिलहाल घटनास्थल पर आपदा बचाव का कार्य जोर-शोर से जारी है। आपदा में लापता लोगों की खोजबीन को लेकर एनडीआरएफ और एसटीएफ के लगातार अभियान चला रहे हैं। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है।
बादल फटने के कारण नदी एवं कुवा खाला में अत्यधिक पानी आने से ग्राम सरखेत में कुछ मकानों में पानी घुस आया। वहीं शहर में टपकेश्वर महादेव मंदिर के पास क्षेत्र में लगातार बारिश के बाद तमसा नदी उफान पर है। मंदिर के भीतर पानी घुस गया है। टपकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी दिगंबर भरत गिरि ने कहा कि हम प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान न हो। नदी पर एक पुल था जो पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।
पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश का सिलसिला जारी है। कुमाऊं के खटीमा में सबसे अधिक 152 मिमी और देहरादून के सहस्रधारा इलाके में 97.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान तीन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पास बह रही है। वहीं मसूरी शहर में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। मसूरी-देहरादून मार्ग में बारिश के चलते जगह-जगह मलबा आ गया है। मसूरी कैम्पटी में भारी बारिश के बाद कैम्पटी फॉल उफान पर आ गया। पुलिस ने भारी बारिश के बाद पर्यटकों को सुरक्षित स्थान पर भेजा।