उत्तराखंड: बीजेपी के ‘जय श्री राम’ के जवाब में कांग्रेस का ‘जय श्री गणेश’

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देहरादून: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा को राजनीतिक लाभ के लिए हिंदू शब्द को हाइजेक नहीं करने देगी। पार्टी ने बीजेपी के खिलाफ अब ‘जय श्री गणेश’ का नारा दिया है।

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अगले साल की शुरुआत में पहाड़ी राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। 2022 के लिए राज्य चुनाव अभियान समिति का नेतृत्व हरीश रावत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हिंदुओं को केवल वोट बैंक में बदल दिया है। मैं यह नहीं होने दूंगा।

‘लोगों की बांट रही बीजेपी’

उत्तराखंड के पूर्व सीएम ने कहा कि हम सनातन धर्म के अनुयायी हैं जो लोगों और धर्मों के बीच सद्भाव और शांति का उपदेश देता है। हालांकि, बीजेपी का झुकाव धर्म और जाति के नाम पर लोगों के बीच मतभेद पैदा करने की ओर ज्यादा है।

‘श्री गणेश के साथ होगी नई शुरुआत’

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच हुई उलझी हुई लड़ाई में सफल मध्यस्थता से वापस लौटे नेता ने कहा कि ‘जय श्री गणेश’ का नारा राज्य में पार्टी के चुनाव अभियान को गति देगा। उन्होंने कहा, ‘किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है, इसलिए हमने इस नारे को चुना है। ‘श्री गणेश’ एक नई शुरुआत का संदर्भ है और भगवान गणेश को विघ्नहर्ता (सभी बाधाओं का नाश करने वाला) के रूप में जाना जाता है।’

‘फिर से शुरू करेंगे बीजेपी की बंद की गई योजनाएं’

इससे पहले रावत ने कहा था कि सत्ता में आने पर कांग्रेस उनके पिछले कार्यकाल के दौरान शुरू की गई कल्याणकारी नीतियों को फिर से शुरू करेगी। उन्होंने कहा, ‘हमने महिलाओं को एलपीजी सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी राशि और विधवाओं के लिए पेंशन को दोगुना करने का फैसला किया है। हमारा ध्यान रोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर होगा।’

उत्तराखंड में निकलेगी कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा

पार्टी ने 3 सितंबर से ‘परिवर्तन यात्रा’ की घोषणा की है। यात्रा चार चरणों में आयोजित की जाएगी। यह यात्रा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से शुरू होगी। दूसरे चरण में यात्रा कुमाऊं मंडल से होकर जाएगी जबकि तीसरे चरण में गढ़वाल के छह जिले शामिल होंगे। यात्रा का चौथा और अंतिम चरण हरिद्वार से होगा।

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