लंबे, घने और हेल्दी बाल भला किसे पसंद नहीं होते! लेकिन कई बार हम खुद ही अपनी हेयर हेल्थ के दुश्मन बन जाते हैं। वो भी जाने-अनजाने में। हमारी कुछ रोज़मर्रा की आदतें धीरे-धीरे बालों को कमजोर बना देती हैं। अगर आप भी लगातार बाल झड़ने या टूटने से परेशान हैं? तो ज़रा इन आदतों पर गौर करिए।
गर्म पानी से बाल धोना
गर्म पानी शरीर के लिए आरामदेह हो सकता है। लेकिन ये बालों के झड़ने का कारण बन सकता है। ये स्कैल्प की नेचुरल ऑयल निकाल देता है। जिससे बाल रूखे, बेजान और डैंड्रफ से भरे हो जाते हैं।
क्या करें…
बाल धोते वक्त हल्के गुनगुने या सामान्य तापमान वाले पानी का इस्तेमाल करें और आखिर में ठंडे पानी से रिंस करें। इससे बालों में नैचुरल शाइन आती है।
बार-बार शैंपू करना…
अगर आप रोज शैंपू करते हैं तो समझ लीजिए कि आप अपने बालों की नेचुरल नमी को खुद ही खत्म कर रहे हैं। ज़्यादातर शैंपू में मौजूद केमिकल्स बालों को ड्राई और फ्रिज़ी बना देते हैं।
क्या करें: हफ्ते में 2 से 3 बार ही शैंपू करें और वो भी माइल्ड या सल्फेट-फ्री शैंपू से। ड्राय हेयर वालों को कंडीशनर जरूर लगाना चाहिए।
गीले बालों में कंघी करना…
बाल जब गीले होते हैं तो सबसे ज्यादा नाजुक होते हैं। उस वक्त कंघी करने से बालों की जड़ें खिंचती हैं और क्यूटिकल्स डैमेज हो जाते हैं।
क्या करें…
पहले बालों को तौलिए से हल्का सुखाएं, फिर चौड़े दांतों वाली कंघी से धीरे-धीरे कंघी करें। गीले बालों में ब्रश चलाना पूरी तरह से अवॉइड करें।
हीट स्टाइलिंग का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल…
ब्लो ड्रायर्स, स्ट्रेटनर और कर्लिंग आयरन बालों की सबसे बड़ी दुश्मन हैं अगर इन्हें बार-बार और बिना हीट प्रोटेक्शन के यूज़ किया जाए। ये बालों की प्रोटीन स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाते हैं।
क्या करें: जब तक बहुत ज़रूरी न हो, हीट टूल्स से दूरी बनाकर रखें। और अगर इस्तेमाल कर ही रहे हैं तो पहले हीट प्रोटेक्टेंट सीरम जरूर लगाएं।
बहुत टाइट हेयरस्टाइल बनाना…
अगर आप रोज़ाना टाइट पोनीटेल या बन बनाते हैं तो इससे बालों की जड़ों पर खिंचाव पड़ता है, जो लंबे समय में टेंशन एलोपेशिया जैसी समस्या को जन्म दे सकता है।
क्या करें…
हेयरस्टाइल ढीला रखें और रात को सोने से पहले बालों को खुला छोड़ दें ताकि स्कैल्प को राहत मिल सके।
डाइट में पोषण की कमी
आप जो खाते हैं, वो आपके बालों में भी झलकता है। बालों को मजबूत और हेल्दी रखने के लिए डाइट में प्रोटीन, आयरन, बायोटिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए।
क्या करें…
अपनी थाली में अंडे, पनीर, दालें, पालक, चुकंदर, नट्स और ताजे फल शामिल करें। अगर ज़रूरत लगे तो डॉक्टर की सलाह लेकर सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।