टोक्यो ओलंपिक में हॉकी के सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम ने भारत को 5-2 से हराकर उसका फाइनल मैच खेलने का सपना तोड़ दिया। भारतीय टीम 41 साल बाद ओलंपिक में हॉकी का फाइनल मैच खेलने के करीब पहुंच रही थी, लेकिन बेल्जियम ने टीम इंडिया के इस सपने को पूरा नहीं होने दिया।
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हार के बाद भी भारत के मेडल की उम्मीद खत्म नहीं हुई है। ब्रॉन्ज मेडल का मुकाबला 5 अगस्त को होना है। दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी की टीमें भिड़ेंगी। इस मैच में हारने वाली टीम भारत के खिलाफ उतरेगी। भारत को 1980 के बाद पहले मेडल का इंतजार है।
पुरुष वर्ग के पहले सेमीफाइनल में बेल्जियम से शानदार शुरुआत की। दूसरे मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर लॉक लुइपर्ट ने गोल करके बेल्जियम को 1-0 की बढ़त दिलाई। इसके बाद भारतीय टीम ने वापसी की। 7वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर हमरमनप्रीत सिंह ने गोल करके स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। 8वें मिनट में मनदीप सिंह ने गोल करके भारत को 2-1 से आगे कर दिया। दूसरे क्वार्टर में बेल्जियम ने एक बार फिर वापसी की। 19वें मिनट में कॉर्नर पर एलेक्जेंडर हेन्ड्रिक्स ने गोल करके स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया। हाफ टाइम तक स्कोर 2-2 से बराबर रहा।
मैच के तीसरे क्वार्टर में हालांकि दोनों टीमों की तेजी में कमी आई और कोई गोल नहीं हुआ। 49वें मिनट में हेन्ड्रिक्स ने पेनल्टी कॉर्नर पर दूसरा गोल करके बेल्जियम को 3-2 की बढ़त दिलाई। फिर 53वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक पर एलेक्जेंडर हेन्ड्रिक्स ने हैट्रिक पूरी करते हुए बेल्जियम को 4-2 की बढ़त दिलाई। 60वें मिनट में डोहमेन ने गोल करके बेल्जियम को 5-2 से जीत दिला दी। भारत ने लगातार 4 मैच जीते थे, लेकिन सेमीफाइनल में टीम इस प्रदर्शन को नहीं दोहरा सकी।
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