सावन के पावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो चुकी है। सावन का महीना 12 अगस्त तक रहेगा। वहीं सावन महीने का दूसरा सोमवार कल यानी 25 जुलाई को पड़ रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस बार दूसरे सोमवार पर प्रदोष व्रत के साथ-साथ तीन शुभ संयोग बन रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं शुभ संयोग, दूसरे सोमवार की पूजा- विधि, मुहूर्त, मंत्र और सामग्री की पूरी लिस्ट के बारे में।
दूसरे सोमवार पर बन रहे एक साथ तीन शुभ संयोग
इस दिन प्रदोष व्रत का भी शुभ संयोग बन रहा है।मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत भी भगवान शंकर को समर्पित होता है। इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि के साथ धुव्र योग बन रहा है। कहा जाता है कि सर्वार्थसिद्धि और अमृत सिद्धि योग में किए गए कार्यों का फल शीघ्र प्राप्त होता है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद मिलता है।
दूसरे सोमवार की पूजा विधि
सुबह जल्दी उठ जाएं और फिर स्नान आदि करने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
उसके बाद घर के मंदिर में दीपक जलाएं।
सभी देवी-देवताओं को गंगाजल से अभिषेक करें।
उसके बाद शिवलिंग और भगवान शिव को गंगाजल और दूध चढ़ाएं।
शिवजी को सफेद फूल अर्पित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, दही, शहद, तुलसी चढ़ाएं।
अब भोलेनाथ को पांच प्रकार के फल चढ़ाए और भोग लगाएं।
उसके बाद शिवजी की आरती करें।
पूरे दिन सिर्फ सात्विक चीजें ही खाएं।
इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान शिव का मंत्र जाप करें।
पूजन सामग्री
भोलेनाथ की पूजा करने के लिए फुल, पंच फल, पंचमेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती जी की सोलह श्रृंगार के समान की जरूरत पड़ेगी।