मोदी सरकार की #अग्निपथ_योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच उपद्रवियों ने खासकर बिहार में रेलवे स्टेशन और ट्रेन को अपना निशाना बनाया है। प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया है, इससे रेलवे को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
इस सब के बीच क्या आप जानते हैं कि एक ट्रेन की कुल कीमत कितनी होती है और उसे आग लगाने से देश का कितना नुकसान होता है…? ट्रेन के दो हिस्से होते हैं इंजन और कोच। इंजन ट्रेन का सबसे महंगा हिस्सा होता है। ट्रेन का इंजन बनाने में करीब 20 करोड़ रुपये का खर्च आता है। सूत्रों के मुताबिक एक डुअल मोड लोकोमोटिव की कीमत करीब 18 करोड़ रुपये होती है जबकि 4500 हॉर्सपावर के डीजल लोकोमोटिव की कीमत करीब 13 करोड़ रुपये बैठती है। इंजन की कीमत उसकी क्षमता पर निर्भर करती है।
रेलवे कोच की कीमत
रेलवे कोच की बात करें तो यह यात्रियों की सुविधा के अनुसार अलग-अलग तरह के होते हैं, इसी हिसाब से इनकी कीमत तय होती है। एक एसी कोच को बनाने की लागत करीब दो करोड़ रुपये से अधिक होती है। स्लीपर कोच बनाने की कीमत 1.25 करोड़ रुपये बैठती है जबकि जनरल कोच बनाने का खर्च करीब एक करोड़ रुपये आता है।
एक एक्सप्रेस ट्रेन में 22 से 24 डिब्बे होते हैं। इस लिहाज से 24 डिब्बों की कीमत दो करोड़ रुपये प्रति कोच के हिसाब से 48 करोड़ रुपये बैठती है। अगर इसमें इंजन की कीमत भी जोड़ दी जाए तो एक पूरी ट्रेन करीब 68 करोड़ रुपये होती है। इसी तरह सामान्य से एक्सप्रेस ट्रेन बनाने का खर्च 50 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये के बीच आती है।