देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उलझन में हैं, करें तो करें क्या…! उम्र न होने के बावजूद हरदा राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं, हालांकि हरदा की इच्छा अब राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को मजबूत करने की है लेकिन अगर राहुल गांधी अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो वे क्या करेंगे इसका फैसला हरदा नहीं ले पा रहे हैं।
इस बारे में हरीश रावत कहते हैं- मैं अपने जीवन की एक बड़ी उलझन को सुलझाने जा रहा हूं। पहले पित्रों को याद करूंगा। पित्रों का आशीर्वाद लेकर भगवान बद्रीश की शरण में जाऊंगा। कोरोना के साथ भीषण संघर्ष के बाद जिंदा वापस आने पर मैंने अपने मन में आगे की राजनीतिक जीवन के विषय में मनन किया।
हरीश रावत ने आगे कहा- मेरे मन ने कहा कि जितनी भी शक्ति व जीवन शेष है, आप राहुल गांधी को समर्पित करो। आप पार्टी के लिए दो काम कर सकते हैं, चुनाव के वक्त प्रचार कर वोट इकट्ठा करने का। दूसरा काम आप संगठनात्मक कर सकते हो, लोगों को निरंतर पार्टी के साथ जोड़ने का।
पूर्व सीएम ने कहा कि राहुल जी अध्यक्ष पद संभालते हैं तो उनके साथ खड़े होकर संगठन में काम करने की स्वाभाविक इच्छा है। यदि वह अध्यक्ष पद नहीं संभालते हैं तो उसके बाद अपने आगे के राजनीतिक जीवन को लेकर एक बड़ा प्रश्न है? मैं निरंतर काम करने वाला व्यक्ति हूं, पांव एक बार थम जाएंगे तो फिर उम्र हावी हो जाएगी। राहुल जी मेरी प्रेरणा हैं। चुनौतियां बहुत बड़ी हैं। आगे की क्या रूपरेखा बनाऊं, भगवान बद्रीश से मार्गदर्शन युक्त आशीर्वाद मांगूंगा।