CM धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आज, इन फैसलों पर लग सकती है मुहर

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक होगी। बैठक राज्य सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन स्थित वीरचंद्र सिंह गढ़वाल सभागार में शाम पांच बजे से शुरू होगी। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता कभी भी लागू होने की संभावना के बीच हो रही कैबिनेट की बैठक में लोक हित के कई बड़े फैसले हो सकते हैं। पिछली कैबिनेट में राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण के मसले पर सिर्फ चर्चा हो पाई थी। बुधवार को बैठक में इस प्रस्ताव पर सरकार कोई निर्णय ले सकती है।

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इसके अलावा कैबिनेट में कुछ प्रस्तावों पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था। बैठक में मुख्यमंत्री धामी पुलिस ग्रेड पे, लोक निर्माण विभाग के संविदा कर्मचारियों और पीआरडी कर्मियों को 300 दिन रोजगार देने के प्रस्ताव पर अपना निर्णय बता सकते हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के बढ़ते मामलों पर कैबिनेट बैठक में मंथन हो सकता है।

वहीं अतिथि शिक्षक संघ ने कैबिनेट में उनके पदों को खाली न माने जाने के निर्णय के बाद भी उनकी सेवाएं प्रभावित होने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि विभाग में नियमित नियुक्ति के शिक्षकों की पदोन्नति होनी है। यदि सरकार ने उनके सुरक्षित भविष्य की दिशा में कोई कदम न उठाया तो बड़ी संख्या में गेस्ट टीचर प्रभावित होंगे।

अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष आशीष जोशी ने कहा कि प्रदेश के चार हजार से अधिक गेस्ट टीचरों को सरकार से उनके सुरक्षित भविष्य को लेकर कोई निर्णय होने की उम्मीद थी, लेकिन सरकार की ओर से अब तक इस दिशा में कोई निर्णय नहीं लिया गया। इससे उनकी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

हाल ही में एलटी कला विषय में अल्मोड़ा से दीपा नैनवाल और उत्तरकाशी से एलटी कला विषय में दीप्ति की जगह नियमित शिक्षक के आने से उनकी सेवाएं प्रभावित हुई है। जिले के दूसरे स्कूल में इसी विषय के पद खाली हैं। इसके बावजूद इनकी जगह नियमित शिक्षक की नियुक्ति कर दी गई। जोशी ने कहा कि विभाग में एलटी के करीब 1400 शिक्षकों की नियुक्तियां होनी हैं। जबकि एलटी से लेक्चरर में पदोन्नति के 2200 से अधिक पद हैं। अतिथि शिक्षकों के हित में कोई कदम न उठाया तो बड़ी संख्या में अतिथि शिक्षक प्रभावित होंगे। अतिथि शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार की इस अनदेखी के खिलाफ संगठन आंदोलन को बाध्य होगा।

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