देहरादून: उत्तराखंड शासन से एक बड़ी खबर सामने आयी है। शासन ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे उत्तरकाशी के पुरोला नगर पालिका के अध्यक्ष हरिमोहन नेगी को बर्खास्त कर दिया है। अपर सचिव नवनीत पांडेय ने राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इसके आदेश कर दिए हैं। नगर पालिका अध्यक्ष बर्खास्त होने के बाद पद रिक्त रखा गया है। इस सम्बंध में विस्तृत आदेश जारी हो गया है। नगरपंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी के खिलाफ बोर्ड के चार सभासदों ने जिलाधिकारी से कोविड के दौरान वित्तीय अनियमितता सहित विभिन्न मदों में सरकारी धन के दुरूपयोग का आरोप लगाया था। शासन ने नगर पंचायत पुरोला के अध्यक्ष पद को रिक्त घोषित कर दिया है। शासन की ओर से जिलाधिकरी की जांच और शहरी विकास निदेशालय की आख्या के आधार पर यह आदेश जारी किया है।
मालूम हो कि कि नगरपंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी के खिलाफ बोर्ड के चार सभासदों ने जिलाधिकारी से कोविड के दौरान वित्तीय अनियमितता सहित विभिन्न मदों में सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था। उसके बाद शपथ पत्र के साथ लिखित शिकायत डीएम और शहरी विकास निदेशालय को दी थी। सभासदों ने आरोप लगाया था कि नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी ने राज्य वित्त सहित 15 वें वित्त और अवस्थापना मदों में बिना सापेक्ष से अधिक भुगतान कर अपने चहेतों को फायदा दिलवाया था। इसके साथ ही बोर्ड बैठक के प्रस्ताव में भी कटिंग कर छेड़छाड़ की गई थी।
बोर्ड बैठक के प्रस्ताव के अभिलेखों में ओवरराइटिंग, कोविड-19 के दौरान 26.25 लाख के सामान खरीदने, चार कार्मिकों को आउटसोर्सिंग से भर्ती करने, विद्युतीकरण में फर्जीवाड़े, निजी वाहनों में डीजल-पेट्रोल का इस्तेमाल करते हुए नगर पंचायत से भुगतान जैसे संगीन आरोप थे। मामले में जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने पिछले साल आठ जुलाई को जांच रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसके आधार पर शासन ने इस साल 16 जनवरी को हरिमोहन नेगी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नेगी ने सात फरवरी को अपना जवाब भेजा, जिसके बाद 31 मार्च को शासन ने शहरी विकास निदेशक को मामले की विस्तृत जांच के निर्देश दिए। 16 जुलाई को निदेशालय ने शासन को विस्तृत जांच रिपोर्ट उपलब्ध करा दी।