सुलझा सालों से चला आ रहा उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच परिसंपत्ति विवाद, बैठक में इन फैसलों पर बनी सहमति

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लखनऊ: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच चल रहे परिसंपत्तियों विवाद सुलझ गया है। बता दे की प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस समय लखनऊ के दौरे पर है जहां पर उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के साथ शिष्टाचार बैठक की । इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। वार्ता के दौरान परिसंपत्ति विवाद पर सहमति बन गई और आज ये परिसंपत्ति का विवाद खत्म हो गया है।

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वन विभाग, सिंचाई विभाग और परिवहन विभाग सहित विभिन्न विभागों की 20 हजार करोड़ की परिसंपत्तियों का विवाद सुलझा लिया गया। वार्ता के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 15 दिनों में सभी लम्बित मामलों का निस्तारण हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने बहुत शांति से सभी बात सुनी हैं। बैठक में सभी मुद्दों पर सहमति बनी है। जो मुद्दे बचे हैं वह भी जल्द सुलझा लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा भाई है। हमारा मातृ प्रदेश उत्तर प्रदेश है। दोनों भाइयों में जो बंटवारे में होता है वह हो जाएगा। कहा कि मैं आभारी हूं कि सीएम योगी ने बड़ा दिल दिखाया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मैं मुख्य सेवक के रूप में पिछले चार महीने से काम कर रहा हूं। सभी लोग उत्तराखंड में सरकार को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। कहा कि अलकनंदा होटल उत्तराखंड को मिलेगा। उत्तराखंड को वन विभाग के 90 करोड़ भी मिलेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद भी उपस्थित रहे।

इन लंबित मसलों पर होगा मंथन

  •  हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है
  • हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं
  • कुंभ मेला की 687.575 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित होनी है
  • उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है
  • यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना हैं
  • केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनरासि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी है। वाहन भंडार की 2061 की धनराशि का भी भुगतान होना है
  • यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है
  • उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था। 36 करोड़ बकाया है
  • अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है।

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