देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) विधेयक सदन के समक्ष रख दिया। यूसीसी को लेकर उत्तराखंड की ओर पूरे देश की नजरें टिकी हुई हैं। उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जहां यूसीसी लागू होगा। बात अगर यूसीसी ड्राफ्ट की करें तो अब पूरे उत्तराखंड राज्य में हर धर्म के लोगों के ऊपर समान कानून लागू होंगे।
बात अगर यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप की करें तो अब लिव इन रिलेशनशिप में रहना पहले जैसा आसान नहीं रहेगा। अब लिव इन में रहने वाले जोड़ों को नियमों का पालन करते हुए जिंदगी गुजारनी पड़ेगी। यूसीसी ड्राफ्ट में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है कि सिर्फ एक व्यस्क पुरुष व वयस्क महिला ही लिव इन रिलेशनशिप में रह सकेंगे। वे पहले से विवाहित या किसी अन्य के साथ लिव इन रिलेशनशिप या प्रोहिबिटेड डिग्रीस ऑफ रिलेशनशिप में नहीं होने चाहिए।
यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड में लिव इन रिलेशनशिप का वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्रेशन न कराने पर लड़का-लड़की को छह महीने की जेल और 25 हजार का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के तौर पर जो रसीद युगल को मिलेगी, उसी आधार पर उन्हें किराए पर घर, हॉस्टल या पीजी मिल सकेगा। लिव-इन के दौरान पैदा हुए बच्चों को उस युगल का जायज बच्चा ही माना जाएगा और उस बच्चे को जैविक संतान के सभी अधिकार प्राप्त होंगे।
बताते चलें कि करीब ढाई लाख सुझावों और 30 बैठकों में विभिन्न वर्गों के लोगों की रायशुमारी के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। ऐसे में अब देश-दुनिया की निगाहें उत्तराखंड में लागू होने जा रहे यूनिफॉर्म सिविल कोड पर टिक गई हैं।