देहरादून: सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अस्थियां वीआइपी घाट पर विधि-विधान और पूरे सैन्य सम्मान के उनके तीर्थ पुरोहित आदित्य वशिष्ठ ने विसर्जित करवाई। जनरल रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने नम आंखों के साथ माता-पिता की अस्थियां विसर्जित कर उन्हें अंतिम विदाई दी।इस दौरान बड़ी संख्या में लोग भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए घाट पर पहुंचे।
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सीडीएस को अंतिम विदाई देने पहुंचे केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने शोक संवेदना व्यक्त करते कहा कि अभी हाल ही नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर उनसे मुलाकात हुई थी। उनसे उत्तराखंड और देश की सुरक्षा आदि मसलों को लेकर विस्तृत चर्चा हुई थी। उनका विशेष लगाव उत्तराखंड से था। हाल ही उन्हें रायवाला रेलवे रेलवे स्टेशन के पास आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होना था, जिसकी तैयारियां भी जोर शोर से चल रही थी। अगर आज वह हमारे बीच होते तो वह भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते।
उत्तराखंड के गौरव भारत के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए नगर निगम ऋषिकेश उनकी स्मृति में द्वार का निर्माण कराएगा। देश के दिंवगत सर्वोच्च सैन्य अधिकारी के नाम पर नाम गढ़वाल मंडल तथा चार धाम यात्रा के प्रवेश द्वार तीर्थनगरी में ऋषिकेश नगर निगम की सीमा के प्रराम्भ स्थल ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर स्मृति द्वार बनाए जाने की महापौर अनिता ममगाईं ने घोषणा की है। इसके लिए महापौर ने निगम के पार्षदों तथा अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया।