नई दिल्ली: गली मोहल्लों में अक्सर एक आवाज सुनी होगी ‘कबाड़ी वाला’। ये वो सौदागर होता है जो हमसे पुरानी बेकार चीजें खरीदता है और इस कबाड़ के सौदे से भी पैसे बना लेता है। सरकार पुरानी गाड़ियों के लिए भी एक पॉलिसी लेकर आई है जिसमें पुरानी गाड़ियों को अनफिट होने पर कबाड़ केंद्र में देना होगा। जिसके बदले वाहन मालिक को कुछ रियायतें मिलेंगी।
यहां हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं जैसे आखिर इस वाहन कबाड़ नीति की जरूरत क्यों पड़ी? वाहन मालिकों के लिए ये पॉलिसी कितनी फायदेमंद है? क्या देश में इसके लिए मैकेनिज्म तैयार है? कबाड़ से रोजगार कैसे पैदा होगा ?
सीधे कबाड़ में जाएंगे अनफिट वाहन
हाल ही में सरकार ने गाड़ियों के लिए स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान किया है जिसके जरिए देश की सड़कों से 15 से 20 साल पुराने वाहन अपने आप हट जाएंगे। इस पॉलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा और अनफिट होने पर उनका रजिस्ट्रेशन रदद कर उसे स्क्रैप में यानी कबाड़ खाने में भेज दिया जाएगा।
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कमर्शियल गाड़ियों के लिए 15 साल बाद तो निजी गाड़ियों के लिए समय सीमा 20 साल तय की गई है, इसके बाद इसे रद्दी माल की तरह कबाड़ी में भेज दिया जाएगा।
गाड़ी फिटनेस सेंटर नहीं गई तो क्या होगा?
कुछ लोग ये सोच रहे होंगे कि अगर गाड़ी को फिटनेस सेंटर ही ना लेकर जाएं तो सरकार को क्या ही पता चलेगा। चुपचाप सड़क पर गाड़ी दौड़ाते रहेगी, उनकी जानकारी के लिए बता दें कि फिटनेस टेस्ट ना कराने पर भी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा।
अगर आपके वाहन को 20 साल हो गए हैं और आपने फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया है, तो 1 जून 2024 के बाद अपने आपका रजिस्ट्रेशन खत्म हो जाएगा. 15 साल से पुराने कमर्शियल वाहनों के लिए ये डेडलाइन 1 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई है। 15 साल बाद निजी गाड़ी का फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको 8 गुना ज्यादा फीस देना होगा। जबकि कमर्शियल गाड़ियों के रि-रजिस्ट्रेशन के लिए फीस 20 गुना ज्यादा होगी।
कबाड़ से मिलेगी रियायतों की गारंटी
पुरानी गाड़ी को कबाड़ में देने में दुख तो होगा लेकिन इस पॉलिसी के तहत गाड़ी मालिक को कुछ रियायतें भी दी जाएंगी। इसके साथ ही गाड़ी स्क्रैप कराने पर इसके मालिक को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वो सर्टिफिकेट नई गाड़ी खरीदते वक्त शोरूम में दिखाएंगे तो कीमत में 5 फीसदी की छूट मिलेगी।
यानी अगर आप 8 लाख की गाड़ी खरीद रहे हैं तो सीधे 40 हजार का डिस्काउंट मिल जाएगा और इसके अलावा रजिस्ट्रेशन फीस में भी रियायत दी जाएगी। नई गाड़ी लेने पर रोड टैक्स में 3 साल के लिए 25 फीसदी तक का भी प्रावधान रखा गया है।
कबाड़ दिलाएगा रोजगार?
इस पॉलिसी के लागू होने पर पुरानी गाड़ियां हटेंगी और नई गाड़ियों की डिमांड बढ़ेगी। नई गाड़ियां बिकेंगी तो सरकार की इनकम भी बढ़ेगी। स्क्रैप पॉलिसी की मदद से ऑटो सेक्टर में 30 फीसदी तक की ग्रोथ का अनुमान है तो वहीं GST से करीब 40 हजार करोड़ की कमाई हो सकती है।
सरकार का मानना है कि इस पॉलिसी से देश में स्क्रैपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश आने की उम्मीद है। फिटनेस सेंटर से जहां प्रत्यक्ष रोज़गार पैदा होगा। वहीं स्क्रैपिंग उद्योग को बढ़ावा मिलने से कई स्तर पर अप्रत्यक्ष रोज़गार भी पैदा होगा। इस पॉलिसी से देशभर में 35,000 से ज्यादा लोगों को रोज़गार मिलेगा।
सरकार के मुताबिक पॉलिसी एक लेकिन फायदे अनेक हैं लेकिन कबाड़ का ये सौदा लोगों को कितना पसंद आता है वो मानसिक तौर पर कितना तैयार होते हैं ये इसके लागू होने के बाद ही पता चलेगा।
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