हरीश रावत का छलका दर्द बोले, त्वैंकें आपड़ि चेलि मानछी…!

1
364

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत और रेखा आर्य के बीच भी जंग छिड़ गई है। दोनों सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे पर वार कर रहे हैं। रेखा आर्य ने सोशल मीडिया के जरिए वार करते हुए हरीश रावत ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को उज्याडू बल्द और उज्याडू बकरियां बताया है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया ने हरीश रावत कास्टिंग देखा है जिसमें वह मंत्रियों को खुलकर भ्रष्टाचार करने की बात कह रहे थे खुद आंख बंद कर लेने की बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों ने कांग्रेस छोड़ी हरीश रावत के कारण उनके अनुसार उनके अंदर सभी को साथ लेकर चलने की काबलियत ही नहीं थी वह एक बबूल के पेड़ हैं।

ये भी पढ़े:उत्तराखण्ड में नए राष्ट्रीय राजमार्गों के लिये मिलेंगे 1000 करोङ …!

पूर्व सीएम हरीश रावत की पोस्ट

हरीश रावत ने हरक सिंह रावत और रेखा आर्य पर वार करते हुए लिखा कि कुछ उज्याडू बल्द और उज्याड़ू बकरियां, मुझसे पूछ रहे हैं कि मेरा कौन सा चुनाव आखिरी है? अरे जब-जब उत्तराखंडियत पर आक्रमण होगा, किसान और दलित के हितों पर चोट पहुंचेगी, महिलाओं का निवाला छीना जाएगा, नौजवानों से रोजगार छीना जाएगा, हरीश रावत श्मशान से भी आकर के खड़ा हो जाएगा। इस समय इन सब वर्गों के हिस्सों पर निरंतर चोट हो रही है और यह चोट मुझसे कह रही है कि हरीश रावत एक राउंड और तुमको 50 साल के हरीश रावत के तरीके से खेल खेला होवे।

 

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की पोस्ट

रेखा आर्य ने हरीश रावत को पलटवार करते हुए कहा कि दाज्यू ठैरे मूनठेपी/मारखूली बल्द अबकी दाज्यू बोले खेल खेला होवे दाज्यू होवे तो जरूर लेकिन पहले अपनी पार्टी से करो अभी तो आपकी पहली लड़ाई अपनी पार्टी से है अपना चेहरा बनाने की अब तक आप स्वयंभू मुख्यमंत्री चेहरा जो ठैरे।

आगे रेखा आर्य ने लिखा कि दाज्यू उज़्याड़ू बल्द और बकरियाँ तो एक बार आवाज से वापस भी आ जाते हैं लेकिन हमारे वहां एक और खतरनाक बल्द होता है जिसे कहते हैं “मारखूली/मुनठेपी बल्द” ये बल्द अपने आसपास किसी को फटकने नहीं देता और हमेशा खुद का ही पेट भरने में रहता है जिस की प्रवृत्ति से हार कर सभी उसके इर्द-गिर्द से दूर हो जाते हैं और अंत में वह अकेला ही रह जाता है। वही स्थिति अब आपकी भी हो रही है क्या करें दाज्यू आपकी आदत तो रही है। सबको परेशान करो राज करो। उसी की परिणित रही है कि आप आज अकेले ही चलने को मजबूर हो।

दाज्यू आपने एक बात और कही कि जब-जब उत्तराखंडियत पर चोट होगी आप शमशान से भी आकर खड़े हो जाओगे, अब जब उत्तराखंडियत की नही सीएम पद की बात होती है तब-तब आप जवान हो जाते हो और जब-जब आप जवान होने की कोशिश करते हो तब-तब आप की पार्टी के ही नेता जो आपके टॉप 10 के खास थे वह कह देते हैं कि अब कांपते हाथ सत्ता नहीं संभाल सकते। दाज्यू ये आपकी पार्टी के लोग आपका ऐसा उपहास करते है जिससे हमें भी तकलीफ होती है।

दाज्यू बुढ़ापे में आप ऐसी हरकत करते ही क्यों हो? आप मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के नेताओं को उज्याड़ू बल्द जैसे किन-किन शब्दों से सम्बोधित पर देते हो लेकिन आपकी पार्टी के नेताओं के लिए भी कोई शब्द ढूंढो तो अच्छा लगेगा लेकिन आप नहीं कहोगे क्योंकि आप उनसे डरते हो, कहीं उन्होंने पुराना हिसाब-किताब व बंदर, सूअरों वाले राज खोल दिए फिर तो बुढ़ापा और भी खराब होना तय है। और दाज्यू आज आप उत्तराखंडियत, महिलाओं, नौजवानों की बात कर रहे हो लेकिन जिस दिन रामपुर तिराहा, मंसूरी, खटीमा जैसे शर्मनाक गोली कांड हुए उस दिन आपके भीतर का उत्तराखंडियत क्यों अवतरित नहीं हुआ होगा यह प्रश्न हमेशा चिंताजनक है?

रेखा आर्य ने कहा कि दाज्यू यह बुढ़ापा है कि जिद छोड़ता नहीं और इसलिए आप बोलना नहीं छोड़ पा रहे, मैं आपको कई बार एक शुभचिंतक होने के नाते राय दे चुकी हूं कि अब आराम करो फेसबुक में नेता ज्यादा दिन तक चर्चित नहीं होता आप लिखते हो तो हमें भी लिखना पड़ता है। अब आपके पास कुछ काम है नहीं, जनता आप को सेवानिवृत्त कर चुकी है और हमारी पार्टी को जनता लगातार प्रदेश नहीं देश में भी सेवा का अवसर दे रही है तो हमें जनता की चिंता करनी है. आपकी डेनिस अब सिर्फ आपकी यादों में रह गई क्योंकि ना तो कांग्रेस की सरकार आएगी और ना ही आप मुख्यमंत्री बनेंगे और ना ही आपकी डेनिस वापसी आएगी।इसलिए आप चैन से रहो भाजपा 60+ के साथ सरकार बनाने जा रही है।

 

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here