देहरादून: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहितों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। कथित तौर पर राज्य सरकार द्वारा आंदलोन की अनदेखी के चलते अब तीर्थ पुरोहितों ने बड़ा कदम उठाया है। धरना प्रदर्शन के बीच तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री को खून से लिखा पत्र भेजा है।
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रुद्रप्रयाग जिले में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने हेतु काफी समय से तीर्थपुरोहित मांग कर रहे हैं। केदारनाथ में बड़ी संख्या में तीर्थपुरोहितों ने धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। केदारनाथ तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि चारों धामों में दो साल से देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ विरोध है मगर राज्य सरकार चुप बैठी है।
आचार्च ने कहा कि सरकार को आंदोलन से कोई मतलब ही नहीं है। तीर्थपुरोहितों से किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जा रही है। बता दें कि बुधवार को तीर्थ पुरोहितों ने आंदोलन को गति दी है। अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित युवा महासभा के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री मोदी को खून से लिखा पत्र भेजा।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की पौराणिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बोर्ड के खिलाफ तीर्थ-पुरोहितों ने आंदोलन तेज करने की भी चेतावनी दी है। तीर्थ पुरोहितों का कहना साफ है कि बोर्ड को भंग किया जाए। इसके लिए प्रदेशभर के तीर्थ-पुरोहित सीएम आवास कूच कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। बहरहाल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सारे विवाद का हल होने तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का काम रोका गया है। विवादों के हल के लिए हाईपावर कमेटी बना दी गई है।
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