उत्तराखंड में अभी भी नहीं रुकेगा बारिश का दौर, पर्वतीय इलाकों में तेज बारिश का सिलसिला जारी

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देहरादून: उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में आज तेज बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र ने देहरादून सहित टिहरी, पौड़ी और हरिद्वार जिलों के कुछ हिस्सों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, अन्य जिलों में भी भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।

इस बार मॉनसून के दौरान सामान्य से कहीं अधिक बारिश हो चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक सामान्य से 70 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। सबसे अधिक बारिश बागेश्वर और देहरादून में हुई है। केवल देहरादून में ही 1 से 19 सितंबर के बीच 446.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 160 प्रतिशत ज्यादा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि मॉनसून की विदाई से पहले यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

आपदा वाले दिन देहरादून की सहस्त्रधारा क्षेत्र में मात्र 24 घंटे (सुबह 8:30 बजे तक) में 264.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जो सामान्य से काफी अधिक है।

आम तौर पर सितंबर के अंतिम सप्ताह में मॉनसून विदा हो जाता है, लेकिन इस बार लगातार बारिश के कारण विदाई में देरी हो रही है। लोगों में अब बारिश से बेचैनी और थकान साफ दिखाई दे रही है। फिलहाल, मौसम विज्ञान केंद्र ने मॉनसून की विदाई की तिथि घोषित नहीं की है।

बारिश और आपदाओं के बीच अब तक देहरादून में 30 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 लोग अब भी लापता हैं। उनकी तलाश के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार अभियान चला रही हैं।

वहीं, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मलबे के नीचे दबे पशुओं के अवशेष अब लोगों के लिए नई स्वास्थ्य चुनौती बनते जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन अवशेषों से कई प्रकार के वायरस पनप सकते हैं, जो हवा और पानी के माध्यम से लोगों के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। शुरुआत में इनमें बुखार, सिरदर्द और पेट दर्द जैसी समस्याएं दिखती हैं, लेकिन बाद में ये वायरस किडनी, फेफड़े और दिमाग को भी संक्रमित कर सकते हैं।

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