Tokyo Olympics: भारत ने रचा इतिहास, पहली बार हॉकी के सेमीफाइनल में

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टोक्यो ओलिंपिक की टर्फ पर भारतीय हॉकी की महिला खिलाड़ियों ने इतिहास रच दिया है। खेलों के महाकुंभ में अब तक जो नहीं हुआ उन्होंने वो करके दिखाया है। क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय महिलाओं ने बड़ा उलटफेर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मात दे दी है। भारत ने अपने से कहीं मजबूत आंकी जा रही ऑस्ट्रेलियाई हॉकी टीम को 1-0 से हराया। भारत के लिएएक मात्र गोल गुरजीत कौर (Gurjeet Kaur) ने दागा। ये पहली बार था जब भारतीय टीम ओलिंपिक का क्वार्टर फाइनल खेल रही थी, जिसे जीतते हुए उसने सेमीफाइनल का टिकट कटा लिया। और अब पहली बार होगा जब भारतीय महिला हॉकी टीम ओलिंपिक का सेमीफाइनल खेलती दिखेगी।

ओलिंपिक में महिला हॉकी की शुरुआत 1980 में हुई थी। उस साल भारत चौथे नंबर पर रहा था और मेडल बस एक स्थान से जीतने से चूक गया था। इसके बाद 36 साल बाद भारतीय महिला हॉकी टीम ने 2016 के रियो ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया। लेकिन वहां एक भी मैच नहीं जीत सकीं और सबसे नीचले पायदान पर रही। लेकिन भारतीय महिलाओं ने टोक्यो में अपने हॉकी के इतिहास को दोहराया नहीं बल्कि बदल दिया।

क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की चुनौती को भारत के लिए मजबूत माना जा रहा था। हॉकी पंडितों की नजर में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी था, जिसकी वजह भी थी और वो ये कि वो 3 बार के ओलिंपिक चैंपियन थे। इसके अलावा ग्रुप स्टेज पर वो सिर्फ एक गोल खाए थे। वहीं भारतीय टीम ग्रुप स्टेज पर 7 गोल खाकर क्वार्टर फाइनल खेल रही थी। लेकिन, 4 क्वार्टर में 60 मिनट तक बेहतरीन हॉकी की नुमाइश कर भारतीय महिलाओं ने बता दिया कि इस बार उनके इरादे कुछ और है।

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पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा भारत

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले का पहला क्वार्टर 0-0 से बराबरी पर छूटा। लेकिन दूसरे क्वार्टर के 7वें मिनट यानी मैच के 22वें मिनट में भारत के लिए पहला गोल गुरजीत कौर ने पेनाल्टी कॉर्नर के जरिए दागा। गुरजीत पूरे टूर्नामेंट में आउट ऑफ फॉर्म चल रहीं थीं। लेकिन लगता है उन्होंने अपना बेस्ट ऑस्ट्रेलिया से होने वाले बड़े मुकाबले के लिए ही बचाकर रखा था। इसके बाद तीसरेऔर और चौथे क्वार्टर में भी दोनों टीमों से एक भी गोल नहीं हुए। ऑस्ट्रेलिया को इस मैच में 7 पेनाल्टी कॉर्नर मिले, पर भारतीय डिफेंडरों ने उन्हें एक को भी गोल में नहीं बदलने दिया। इस तरह भारत ने मुकाबला 1-0 से जीतते हुए पहली बार सेमीफाइनल खेलने का लाइसेंस प्राप्त कर लिया।

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