हरिद्वार: कोरोना वायरस के चलते पिछले दो साल से बंद रही कांवड़ यात्रा इस साल 14 जुलाई से 26 जुलाई तक चलेगी। श्रावण माह में होने वाली यात्रा में भारी संख्या में शिव भक्तों के जमावडे़ को देखते हुए इस बार सुरक्षा व्यवस्था ड्रोन, सीसीटीवी और सोशल मीडिया निगरानी से की जाएगी। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त कंधे पर कांवड़ उठाकर हरिद्वार तथा आसपास के क्षेत्रों से गंगा जल भर कर ले जाते हैं और उससे अपने गांवों के मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं।
कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से भी अधिक कांवड़िए आने की संभावना है। इस यात्रा की तैयारी के लिए सोमवार को अंतर्राज्यीय समन्वय बैठक हुई। इसमें सात राज्यों के आला अधिकारियों ने भाग लिया और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चर्चा की। कांवड़ मेला क्षेत्र को 133 सेक्टरों में बांटा जाएगा। इसकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तकरीबन 10 हजार से अधिक पुलिस फोर्स तैनात की जाएगी। समन्वय बैठक में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, रेलवे सुरक्षा बल, आईबी के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से भाग लिया। सबसे पहले डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा 14 से 26 जुलाई को आयोजित की जा रही है।
हरिद्वार के पुलिस कप्तान डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत ने कहा कि हरिद्वार पुलिस ने कांवड़ मेले की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए उन्होंने प्रचार प्रसार भी शुरू कर दिया है। इसके तहत कांवड़ मेले में यातायात प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, यात्रा रूट पर पुलिस प्रबंध आदि की व्यवस्थाओं को देखा जा रहा है। यात्रा में लाठी डंडे, नुकीले भाले व अन्य हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। सभी थाना पुलिस और अधिकारियों को उनका एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने को भी कहा गया है। ताकि, सूचनाओं का आदान प्रदान समय से किया जा सके।