प्लीज अंकल मुझे छोड़ दो… मैं मर जाऊंगी…!

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बिजनौर: जैसे-जैसे खो-खो की राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी की हत्या की जांच आगे बढ़ रही है, नए-नए तथ्य सामने आ रहे हैं। वारदात के वक्त वह किसी परिचित से फोन पर बात कर रही थी। इस दौरान किसी के दबोचने पर वह चिल्लाई, अंकल मुझे छोड़ दो… मैं मर जाऊंगी… परिचित ने किसी अनहोनी की आशंका पर रिकार्डिंग शुरू कर दी। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसके बाद फोन गिर गया लेकिन रिकार्डिंग चालू रही, उसमें बिटिया के हत्यारोपियों से किए जा रहे संघर्ष के दौरान कही जा रही बातें रिकॉर्ड हुई है। अंकल शब्द ने पुलिस को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हत्यारा परिचित है या अधेड़ उम्र। घटना के खुलासे में पुलिस के लिए यह रिकार्डिंग काफी अहम साबित हो सकती है। फिलहाल पुलिस अधिकारी मोबाइल में रिकॉर्ड कॉल की एक ऑडियो जांच कर रहे हैं।

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शुक्रवार को रेलवे स्टेशन के पास रखे स्लीपर के ढेर के बीच राष्ट्रीय खो-खो खिलाड़ी की हत्या कर दी गई थी। रविवार को दिनभर कोतवाली शहर पुलिस, एसओजी, स्पेशल सेल, सर्विलांस टीम सर्वोदय कॉलोनी के चक्कर काट रही थी। जांच में जुटे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी बिंदुओं पर विस्तृत जांच चल रही है। अब तक सामने आया है कि खिलाड़ी जब फोन पर बात कर रही थी। दूसरी ओर कॉल पर मौजूद युवक से पूछताछ में सामने आया है कि खिलाड़ी ने सबसे पहले अंकल छोड़ो मुझे, मैं मर जाऊंगी शब्दों का इस्तेमाल करीब तीन से चार बार किया। युवक को मामला गड़बड़ लगा तो उसने रिकॉर्डिंग शुरू कर दी। करीब पौने दो मिनट की इस ऑडियों में बिटिया ने हत्यारे से खुद को छुड़ाने की भरपूर कोशिश भी की और गुहार भी लगाई।

इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि ऑडियो में जब बिटिया खुद के मर जाने की बात कह रही है तो हत्यारा उसका गला दुपट्टे से घोंट रहा था। परिजनों को बिटिया के शव के गले में दुपट्टा लिपटा मिला था। ऑडियो में आवाज धीमी है, इससे लग रहा है कि मोबाइल दूर कहीं गिरा हुआ था और कॉल चल रही थी। ऑडियो के बीच में कुछ गाली-गलौज भी है। पुलिस ऑडियो में किसी नाम के होने का जिक्र तो नहीं कर रही, लेकिन ऑडियो से पहले बिटिया ने किसे अंकल कहा, उस शख्स को ढूंढ रही है।

इसके बाद वह स्लीपर के ऊपर चढ़कर तलाश करने लगा। इसी बीच उसे बिटिया की ताई नजर आई तो उसने उनसे आशंका जताई। दोनों ने मिलकर देखा तो पहले चप्पल दिखीं। जिसे देखकर वह अनहोनी होना समझ गए। फिर पास में ही वह पड़ी हुई थी। उसके डिग्री, अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्र बिखरे पड़े थे। उसके गले में दुपट्टा लिपटा हुआ था। और देखते ही देखते पूरा परिवार एकत्रित हो गया। परिजनों ने बताया कि वह इंटरव्यू देने गई थी तो उसके पास कुछ रुपये थे। वह कितने थे, यह तो नहीं पता, लेकिन जब घटना स्थल पर देखा तो उसके बैग और पर्स में एक या दो रुपये के सिक्के ही पड़े थे। लग रहा है हत्यारे मोबाइल के साथ-साथ रुपये भी लेकर भाग गए।परिजन जब बिटिया के पास पहुंचे थे तो उन्होंने उसके गले से दुपट्टा खोला।

दुपट्टा रस्सी की तरह ऐंठा गया था और उसी से गला घोंटा था। युवती को सबसे पहले ढूंढने निकला युवक ही बाइक से उसे किरतपुर रोड स्थित एक अस्पताल ले गया। उसके साथ बिटिया के परिवार से भी सदस्य मौजूद थे। परिजनों और युवक ने बताया कि सबसे पहले जिस अस्पताल पर पहुंचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने बिटिया को देखने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद वह आगे बढ़े और सिविल लाइन स्थित दूसरे प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उसे देखा और मृत घोषित कर दिया।जान बचाने को जब युवती मदद मांग रही थी, तब घटनास्थल से महज 20-30 कदम की दूरी पर एक घर पर पूजा हो रही थी। बिटिया मदद के लिए चीख रही थी। मोहल्लेवालों का मानना है कि उसकी आवाज मोहल्ले तक पहुंच सकती थी। लेकिन पूजा में लोग व्यस्त थे और पूजा के दौरान उसकी आवाज किसी को सुनाई नहीं दी।

घटना की जांच कर रही पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी को खंगाला तो पता लगा कि घटना से कुछ देर पहले कोई और भी युवती उसी रास्ते से गुजरी थी, उसके बाद एक बच्ची और गुजरती बताई गई है। लेकिन कुछ देर बाद आई युवती वारदात का शिकार हो गई। युवती की बड़ी बहन ने  बताया कि उसकी बहन के गले में चुन्नी का फंदा बंधा था और नाक से खून बह रहा था। घटना के बाद युवती के मोबाइल पर उसकी बहन और अन्य परिजनों ने फोन किया लेकिन दूसरी तरफ से फोन रिसीव नहीं हुआ। परिजनों के मुताबिक, घटना के दिन शाम करीब चार बजे तक युवती का फोन ऑन रहा, उसके बाद से युवती का फोन स्विच ऑफ आ रहा है।

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