जाने कैसे होंगे रामलला के दर्शन, यहां जानें राम मंदिर से जुड़े हर सवाल का जवाब…!

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अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्रभु राम अपने भव्य महल में विराजमान होंगे। रामभक्त अपने आराध्य के दर्शन के लिए बेकरार हैं। आप भी राम मंदिर दर्शन का कार्यक्रम बना रहे हैं तो इस आर्टिकल में आपको इस संबंध में पूरी जानकारी मिलेगी।

क्या है राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का समय…

राम मंदिर में प्रभु राम 22 जनवरी 2024 को विराजमान होंगे। काशी के वैदिक विद्वान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को संपन्न करेंगे। दोपहर 12:15 से लेकर 12:45 के बीच प्रभु राम अपने भव्य महल में मृगसीरा नक्षत्र में विराजमान होंगे।

कैसे करें मंदिर में प्रवेश…

अयोध्या के राम मंदिर में प्रवेश करने के लिए आपको सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना होगा। मंदिर में प्रवेश के दौरान आप अपने साथ कोई भी इलेक्ट्रिक समान नहीं ले जा सकते हैं जबकि प्रसाद ले जाना भी मना है।

राम मंदिर में कब होती है आरती…

अयोध्या के राम मंदिर में वैसे तो पांच बार आरती होती है, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रभु राम की आरती में तीन बार शामिल होने का मौका मिल सकता है, इसमें सुबह 6:30 बजे दोपहर 12 और शाम 7:30 बजे राम भक्त रामलला की आरती में शामिल हो सकते हैं। रामलला की आरती में शामिल होने के लिए ट्रस्ट द्वारा पास बनाया जाता है, जिसमें आपको एक आईडी प्रूफ देना अनिवार्य होता है।

मंदिर का प्रवेश द्वार कैसा रहेगा…

राम मंदिर में प्रवेश करते ही आपको सबसे पहले सिंह द्वार होते हुए 32 सीढ़ी चढ़कर राम मंदिर में प्रवेश मिलेगा। इसके बाद आप पांच मंडप पार करके गर्भ गृह में रामलला के दर्शन 30 फीट दूरी से कर सकते हैं।

श्रद्धालुओं के लिए क्या होगी व्यवस्था…

राम मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधा बनाई जा रही है, जिसमें दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था होगी, तो वही 25000 यात्री के लिए यात्री सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है, जहां प्रसाधन से लेकर लेकर हर तरह की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी।

क्या है अयोध्या के राम मंदिर की लंबाई और चौड़ाई…

अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की लंबाई 380 फीट है, तो चौड़ाई भी 250 फीट है जबकि ऊंचाई 161 फीट है। यह मंदिर तीन मंजिला बनाया जा रहा है। मंदिर में 44 दरवाजे और 392 खंबे होंगे।

राम मंदिर परिसर में और किसके मंदिर होंगे…

राम मंदिर परिसर के चारों तरफ मंदिर बनाए जाएंगे। इसमें भगवान सूर्य, देवी भगवती, भगवान गणेश, भगवान शंकर, माता अन्नपूर्णा, पवन पुत्र हनुमान के अलावा माता शबरी, महर्षि विश्वामित्र ,महर्षि अगस्त, महर्षि वाल्मीकि, निषाद राज के भी मंदिर शामिल हैं।

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