ओलंपिक में भारत की लवलीना ने रचा इतिहास, छोटे से गांव से किया सफर तय

1
314
Listen to this article

टोक्यो ओलंपिक से भारत के लिए शुक्रवार की सुबह अच्छी खबर आई है। भारत की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने बॉक्सिंग रिंग से बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को पराजित कर कम से कम टोक्यो में कांस्य पदक सुनिश्चित कर लिया है। लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से मात दी। उन्होंने पहला राउंड 3-2 से जीता। दूसरे राउंड में लवलीना हावी रहीं। उन्होंने 5-0 से ये राउंड अपने नाम किया। बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में विश्व चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली से भिड़ेंगी। ये मुकाबला बुघवार को होगा।

ये भी पढ़ें:भारी बारिश के चलते बदरीनाथ हाईवे समेत कई राजमार्ग बंद

कोचने कह दिया इतिहास रचने जा रही हो

इससे पहले उन्होंने 69 किक्रा वेल्टरवेट वर्ग में जर्मन की प्रतिद्वंद्वी नादिन एपेट्ज को विभाजित निर्णय 3-2 से पराचित कर अपने ओलंपिक अभियान की उड़ान भी शुरूआत की थी। क्वार्टर फाइनल में पहले राउंड में ही लवलीना ने बढ़त बना ली थी। तीन मिनट की पहली बाउट में उनके कोच ने ही कह दिया था कि तुम इतिहास रचने जा रही हो। इसी तरह से मुकाबला जारी रखो।

असम के छोटे गांव की निवासी हैं लवलीना

24 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन असम से छोटे गांव से हैं। उन्होंने इस गांव से ओलंपिक का सफर तय किया। असम के गोलाघाट जिले के सरुपथर विधानसभा के छोटे से गांव बरोमुखिया की वह रहने वाली हैं। वह असम की पहली बॉक्सर हैं, जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाइल किया। वह दो बार विश्व चैंपियनशिप में भी पदक जीत चुकी हैं।

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here