लद्दाख सेक्टर स्थित गलवान घाटी में चीनी सेना का डटकर मुकाबला करने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को हुए कार्यक्रम में यह सम्मान उनकी मां और पत्नी को सौंपा। कर्नल संतोष बाबू गलवान घाटी में ऑब्जर्वेशन पोस्ट पर तैनात थी।
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उसी समय चीनी सेना ने भारत पर हमला किया, जिसके बाद संतोष बाबू ने आगे बढ़कर दुश्मन का सामना किया और देश के लिए शहीद हो गए। पैरा स्पेशल फोर्स के सूबेदार संजीव कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के लिए मिला। इसमें उन्होंने एक आतंकवादी को मार गिराया और दो को घायल कर दिया। आतंकियों से लड़ते हुए वे शहीद हो गए।
गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान चीन की सेना से डटकर मुकाबला करने और वीरता दिखाने के लिए सूबेदार नुदुराम सोरेन को वीर चक्र से सम्मानित किया गया, उनकी पत्नी ने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान ग्रहण किया। गलवान घाटी में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला करने और दुश्मन की सेना को पीछे खदेड़ने के लिए हवलदार के पलानी को भी वीर चक्र दिया गया। मरणोपरांत यह पुरस्कार उनकी पत्नी का को दिया गया।
पिछले साल जून में गलवान घाटी पर चीनी सेना के हमले में शौर्य प्रदर्शन करने वाले नायक दीपक सिंह को भी मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। सिपाही गुरतेज सिंह को वीर चक्र के सम्मानित किया गया। चीनी सेना के हमले में वीरतापूर्वक लड़ते हुए शहीद हो जाने वाले सिपाही गुरतेज सिंह को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया।