देहरादून: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का मसूरी में दिया गया बयान भाजपा नेताओं से उगला जा रहा है और ना ही निगला जा रहा है। जी हां हालात यह है की पार्टी के तमाम नेता इसे अनुशासनहीनता तो मान रहे हैं लेकिन हरक सिंह रावत जैसे नेता पर कार्यवाही कर परेशानी मोल लेना नहीं चाहते। इसलिए कोई उन्हें समझाने की बात कर रहा है तो कोई अनुशासन हीनता मानते हुए भी इसे हरक सिंह रावत का स्टाइल बता रहा है।
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कल मसूरी में कैबिनट मंत्री हरक सिंह रावत के दिये गए बयान पर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पूछे जाने को लेकर उन्होंने बयान को टालने वाले लहजे में कहा कि इस बयान के मायने हरक सिंह रावत ही बखूबी जानते होंगे कि उन्होंने किस परिपेक्ष्य में यह बयान दिया है और इस बयान के क्या अर्थ और मायने हैं आपको बता दें कि कल कैबिनट मंत्री हरक सिंह रावत ने मसूरी में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा था कि आज प्रदेश सरकार नालायको के हाथों में है और शहीदों की आत्माएं रो रही है।
वही बीजेपी प्रदेश प्रभारी ने लिया हरक के बयान का संज्ञान कहा हरक का बयान अनुशासन हीनताहरक को पड़ेगी डांट, जैसे परिवार में पड़ती है डांट,परिवार में जिस तरह बच्चे को पड़ती है डांट उसी तरह हरक को भी पड़ेगी डांट। वहीं प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक तो हरक सिंह का बचाव करते हुए नजर आ रहे हैं पहले तो उन्होंने कहा कि अगर किसी ने गलत बयानबाजी की है तो अनुशासनहीनता है लेकिन फिर तपाक से अपने बयान को बदलते हुए उन्होंने कहा कि मेरी हर एक सिम से बात हुई है। उन्होंने इसे किसी परिपेक्ष में बयान दिया है ना की किसी पर निशाना साधा है।