गणेश चतुर्थी में अब बस एक ही दिन शेष है। पूरे देश में बप्पा के आगमन के लिए घर-घर तैयारियां हो रही हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक हर कोई गणेश चतुर्थी के लिए उत्साहित है।गली मोहल्लों में जगह-जगह भगवान गणेश को विराजमान करने के लिए पंडाल सज चुके हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान गणेश की पूजा अर्चना का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है प्रसाद । भगवान गणपति को हर दिन अलग-अलग चीजों का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं वो कौन से भोग हैं जिनसे भगवान गणेश को प्रसन्न किया जा सकता है।
पहले दिन: गणपति बप्पा को भोग लगाने की बात हो और मोदक का जिक्र न हो ऐसा कैसे हो सकता है। कहा जाता है कि भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
दूसरे दिन: भगवान गणेश को मोतीचूर के लड्डू अतिप्रिय हैं। बाल रूप में पूजन करते हुए बप्पा को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं।
तीसरे दिन: विघ्नहर्ता गणेश को बेसन के लड्डूओं का भी भोग लगाया जा सकता है। यह भी बप्पा के प्रिय व्यंजन में से एक है।
चौथे दिन: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार किसी भी देवी-देवताओं को फल का भोग लगाना श्रेष्ठ माना गया है। पूजा के चौथे दिन भगवान गणेश को केले का भोग लगाएं।
पांचवे दिन: घर में बनी मखाने की खीर भी भगवान गणेश को भोग के लिए लगाई जा सकती है। इसमें ड्राइफ्रूट डालकर आप इसका स्वाद और बढ़ा सकते हैं।
छठे दिन: नारियल का हिंदू धर्म में पूजन कार्य, यज्ञ, हवन आदि में विशेष महत्व है। प्रसाद के रूप में नारियल को बांटा जाता है व खाया जाता है।
सातवे दिन: गुड़ का प्रसाद अतिशुभ माना गया है.अगर इसे आप घी में सेक लेते हैं तो असका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। यह एक पारंपरिक भोग है जो भगवान गणेश को बहुत पसंद आता है।
आठवें दिन: भगवान गणेश को मोदक के बाद अगर कोई मिठाई सबसे अधिक पसंद है तो वो है लड्डू। आप मोतीचूर और बेसन के अलावा मावे के लड्डूओं का भी भोग लगा सकते हैं।
नौवें दिन: दूध से बना कलाकंद और खोपरपाक जैसी स्वादिष्ट मिठाईयां को भोग स्वरुप लगाया जा सकता है. इसके अलावा भी दूध और घी से बनी मिठाईयां भी भगवान गणेश को अर्पित करें।
दसवें दिन: गणेशोत्सव के दसवें और आखिरी दिन 56 भोग लगाएं। हिन्दु धर्म में इसकी बड़ी महिमा है। भगवान के इस भोग को अन्नकूट भी कहा जाता है।