देहरादून: देवस्थानम बोर्ड को लेकर जहां तीर्थ पुरोहित बड़े आंदोलन को करने की तैयारी कर रहे हैं। पिछले काफी समय से सरकार के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने मोर्चा खोला हुआ है। वही पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उनके निशाने पर हैं लेकिन इन सबके बावजूद त्रिवेंद्र सिंह रावत देवस्थानम बोर्ड के फैसले को भविष्य के लिए जरूरी फैसला बताते हैं। उनके अनुसार देशभर के अन्य भागों में जो आर्थिक स्थिति उन धामों की है वह इसी तरीके के बोर्ड के गठन की वजह से है।
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उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि साउथ के पद्मनाभ स्वामी मंदिर की सालाना इनकम 950 करोड़ है। तिरुपति बालाजी की 1140 करोड़ इनकम है , रामेश्वरम 350 करोड़ सालाना इनकम, साईं बाबा में 500 करोड़, वैष्णो देवी मंदिर में 500 करोड़ की इनकम है लेकिन हमारे चारधाम में सालाना इनकम क्या है। केदार बद्री के 15 करोड़ और गंगोत्री यमुनोत्री का 6 करोड़ है उनके अनुसार जहां ट्रस्ट बने हुए हैं।
वहां पर ना केवल मेडिकल कॉलेज मंदिरों के द्वारा चलाए जा रहे हैं बल्कि गरीबों की भरपूर मदद भी मंदिरों के द्वारा की जा रही है। आज चार धाम को लोग दान देना चाहते हैं लेकिन उनके पास कोई प्लेटफॉर्म नही था उनके अनुसार हमने काफी सोच समझकर ये फैसला लिया है। ऐसे में आज जो लोग विरोध कर रहे है वो आज से 10 साल बाद कहेंगे कि रावत जी आपने सही फैसला लिया था ।