कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन तेजी से फैल रहा है। देखते ही देखते कोरोना का नया वेरिएंट 38 से ज्यादा देशों में पहुंच गया है। भारत में भी यह वेरिएंट दस्तक दे चुका है। इसकी तेज रफ्तार देख तीसरी लहर आने का डर सताने लगा है। शनिवार को देश की राजधानी दिल्ली में भी ओमिक्रॉन का एक मरीज मिला है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इसकी पुष्टि की है। ये मरीज इस वक्त एलएनजेपी में भर्ती है।
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इस बीच एक चिंता में डालने वाला दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का असर नई साल में दिखना शुरू हो जाएगा। जनवरी 2022 के अंतिम सप्ताह और फरवरी की शुरुआत में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पीक पर होगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर और डिप्टी डायरेक्टर मनिंदर अग्रवाल ने यह दावा किया है।
प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी फैलने के लक्षण तो हैं, लेकिन ज्यादा घातक नहीं दिख रहे। इस वैरिएंट के हर्ड इम्यूनिटी को बाईपास करने की संभावना कम है। हालांकि, इसके फैलने के लक्षण ज्यादा हैं और अभी तक साउथ अफ्रीका से लेकर दुनिया भर में जहां भी यह फैला है, इसके लक्षण गंभीर नहीं बल्कि हल्के देखे गए हैं।
आईआईटी प्रोफेसर की रिसर्च के अनुसार, भारत में इसकी गंभीरता ज्यादा होने की संभावना कम है, क्योंकि 80 फ़ीसदी लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। ऐसे में अगर इसकी लहर आती भी है तो इसका असर दूसरी लहर के डेल्टा वैरिएंट जैसा नहीं होगा। अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर में भी अपनी रिसर्च जारी की थी, तब भी उनकी गणना काफी हद तक सही साबित हुई थी।