चमोली: मांगलिक स्वर लहरियों के बीच आज बदरीनाथ धाम के कपाट खुल गए है। श्रद्धालुअ अब छह माह यहीं भगवान बदरीविशाल के दर्शन और पूजा कर सकेंगे। यात्रा पड़ावों से लेकर धाम में तीर्थयात्रियों की खूब भीड़ उमड़ी है। कपाट खुलने के मौके पर करीब दस हजार श्रद्धालु धाम पहुंचे। वहीं, शाम तक बदरीनाथ में अखंड ज्योति के दर्शन के लिए करीब 20,000 तीर्थयात्रियों के पहुंचने की उम्मीद है।
उत्तराखंड के चारधामों की यात्रा उत्तरकाशी जिले में स्थित यमुनोत्री धाम से शुरू होती है, जो गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचती है। यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ मंदिर के कपाट 10 मई को खोल दिए गए हैं।
कपाट खुलने के मौके पर श्रीबदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के सहयोग से आस्था पथ से लेकर धाम को ऑर्किड और गेंदे के 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है।
#WATCH | Chamoli, Uttrakhand: The doors of Shri Badrinath Dham were opened for the devotees today at 6 am amidst the melodious tunes of the Army Band, with complete rituals, Vedic chanting and slogans of 'Badri Vishal Lal Ki Jai'. pic.twitter.com/lPSCXxKfvx
— ANI (@ANI) May 12, 2024
धाम में स्थित प्राचीन मठ-मंदिर भी सजाए गए हैं। जिला प्रशासन ने इस बार बदरीनाथ धाम को पॉलिथिन मुक्त रखने का निर्णय लिया गया है। धाम और पड़ावों में होटल और अन्य व्यावसायियों को पॉलिथीन का उपयोग न करने की सख्त हिदायत दी गई है।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया, सुबह चार बजे से पूजा शुरू हुई थी। मां लक्ष्मी गर्भगृह से मंदिर की परिक्रमा कर धाम में स्थित अपने मंदिर में विराजमान हुईं। वहीं, कुबेर बामणी गांव से आकर उद्धव के साथ गर्भगृह में स्थापित हुए। भगवान की चतुर्भुज मूर्ति से घृत कंबल को अलग कर बदरीविशाल का अभिषेक करने के बाद शृंगार किया गया। जिसके बाद छह बजे मंदिर के कपाट खोले गए है।