सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री का व्रत रखती हैं। इस दिन भगवान विष्णु और वट वृक्ष की पूजा करने से ना सिर्फ पति को दीर्घायु मिलती है, बल्कि घर में सुख-संपन्नता भी बढ़ती है।
आईए आपको बताते हैं कि परंपराओं के अनुसार हैं वट सावित्री के व्रत में किन गलतियों को करने से से बचना चाहिए…
वट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाओं को काले और नीले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। इस दिन ऐसे रंग अशुभ माने जाते हैं। इसके अलावा सफेद वस्त्र पहनने से भी बचें। इस रंग की चूड़ियां भी ना पहनें। साथ ही, पूजा में नीले रंग के फूल भी अर्पित नहीं करने चाहिए।
यदि आप पहली बार वट सावित्री का व्रत करने जा रही हैं तो यह व्रत ससुराल की बजाए मायके में रहकर ही करें। यदि संभव हो पाए तो पूजा का सामान भी मायके जाकर ही खरीदें।
मासिक धर्म के समय सुहागिनों को वट सावित्री का व्रत नहीं रखना चाहिए, ऐसी स्थिति में आप चाहें तो घर में किसी दूसरी सुहागिन महिला से व्रत करवा लें और उनके साथ बैठकर कथा सुन लें।
इस दिन पति के साथ वाद-विवाद में ना पड़ें। व्रत करने वाली महिलाओं का व्यवहार संयमित रहना चाहिए। इस दिन जीवनसाथी के साथ झगड़ा करना बहुत ही अशुभ समझा जाता है।
वट सावित्री का व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं को बेड या पलंग पर सोने से परहेज करना चाहिए। आप जमीन पर बिस्तर बिछाकर आराम कर सकती हैं। इस दिन झूठ, घृणा या द्वेष से भी बचना चाहिए।