उत्तराखंड: अगर बिना हेलमेट दुपहिया वाहन चलाते मिले नाबालिग, तो अभिभावकों को होगी सजा

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देहरादून: आजकल के बच्चे खतरों के खिलाड़ी बनकर सड़कों पर दोपहिया वाहन दौड़ा रहे हैं। पढ़ाई से ज्यादा समय वो इधर उधर घूमने पर बिता रहे है। वही ज्यादातर कक्षा नौ से 12वीं तक के कई सारे नाबालिग छात्र वाहन चलाते समय हेलमेट का भी प्रयोग नहीं कर रहे।ऐसे में अब संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) सुनील शर्मा ने इस पर चिंता व्यक्त करने के साथ अभिभावकों को चेतावनी भी जारी की है। सोमवार को एक सर्कुलर जारी किया गया। जिसके अनुसार अब कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र अगर बिना हेलमेट के पकड़े जाते हैं तो उनके अभिभावकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही उन्हें तीन साल की सजा भी हो सकती है।

सोमवार को जारी सर्कुलर में संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) ने कहा कि छात्रों के यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले में नए मोटर व्हीकल एक्ट और आइपीसी की सुसंगत धाराओं में अभिभावकों को दोषी माना जाएगा या फिर वाहन स्वामी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इस सर्कुलर से यह साफ हो गया कि अगर नौवीं से बारहवीं तक के नाबालिग छात्र किसी भी तरह की यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं तो अभिभावकों या वाहन स्वामी पर ₹25000 का जुर्माना होगा। साथ ही इन्हें 3 साल की जेल भी हो सकती है।

इसके अलावा नाबालिग बच्चे से कोई दुर्घटना होती है तो बीमा का क्लेम भी नहीं मिलेगा। 12 महीने के लिए वाहन का रजिस्ट्रेशन भी निरस्त कर दिया जाएगा।संभागीय परिवहन अधिकारी ने अभिभावकों को सलाह दी है कि नाबालिग बच्चों को दोपहिया वाहन चलाने की अनुमति न दें। साथ ही उन पर कड़ी नजर भी रखें।

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