देहरादून: उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के बाद अब सबको 10 मार्च का इंतजार है। हर किसी के मन में सवाल है कि इस बार उत्तराखंड में किसकी सरकार बनेगी।भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर से जनता का आशीर्वाद मिलने का भरोसा है तो कांग्रेस को सत्ता परिवर्तन का यकीन है। बीजेपी 60 प्लस सीटें जीतने का दावा कर रही है तो कांग्रेस को करीब 50 सीटों पर जीत की उम्मीद है।
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इस बीच मतदान के बाद से ही बीजेपी भितरघात की शिकायतों से जूझ रही है। अब भाजपा के एक और विधायक ने चुनाव के दौरान भितरघात की बात कही है। इस बार बीजेपी विधायक और यमुनोत्री से उम्मीदवार केदार सिंह रावत का कहना है कि चुनाव के दौरान उन्हें भी भितरघात का सामना करना पड़ा। रावत ने दावा किया कि पार्टी के ही कुछ लोगों ने उनके खिलाफ काम किया। हालाकि रावत को चुनाव में जीत का पूरा भरोसा है। रावत का कहना है कि वह चुनाव तो जीत जाएंगे, लेकिन जीत का अंतर कम हो जाएगा। भाजपा विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि उनके चुनाव में पार्टी के कुछ लोगों ने उनके खिलाफ काम किया। चुनाव में जनता का भारी उत्साह था। हमारी विधानसभा में अच्छी संख्या में मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। महिलाओं और बुजुर्गों का मोदी जी के प्रति रुझान रहा। मेरी विधानसभा में संगठन में पदों पर बैठे कुछ लोगों ने भितरघात किया है। वरना अंतर ज्यादा बढ़ सकता था। रावते कहा कि यदि पार्टी उनसे पूछेगी तो वह भितरघात करने वालों के नाम बताने को तैयार है।
आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी के तीन विधायक भितरघात का मुद्दा उठा चुके हैं। सबसे पहले लक्सर से विधायक संजय गुप्ता ने ये मुद्दा उठाया। गुप्ता ने तो सीधे – सीधे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पर ही सवाल उठा दिए। संजय गुप्ता ने कहा कि मदन कौशिक गद्दार है और कौशिक ने उन्हें चुनाव में हराने के लिए पूरी ताकत झोंकी। गुप्ता के बाद काशीपुर के विधायक हरभजन सिंह चीमा ने पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं पर काशीपुर से उनके बेटे पार्टी प्रत्याशी त्रिलोक सिंह चीमा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। इसी तरह चंपावत के विधायक कैलाश चंद्र गहतोड़ी ने भी भितरघात की बात कही और पार्टी के ही लोगों पर भितरघात का आरोप लगाया।
आपको बता दें कि लगातार भितरघात की शिकायतों के बाद बीजेपी ने सभी प्रत्याशियों को हिदायत भी दी थी कि चुनाव में भितरघात से जुड़ी किसी भी शिकायत को सिर्फ पार्टी फोरम पर ही रखा जाए, लेकिन पार्टी की इस हिदायत का असर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में अब देखना होगा कि लगातार सामने आ रही भितरघात की शिकायतों पर पार्टी क्या एक्शन लेती है।