हल्द्वानी: उत्तराखंड में सीजनल इन्फ्लूएंजा के मामले लगातार आ रहे हैं। अधिकांश मरीज ओपीडी में परामर्श लेने के बाद घर पर ही उपचार कर रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के हल्द्वानी में राजकीय मेडिकल कालेज की वायरोलाजी लैब में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के दो मामले सामने आए हैं। इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है।
वायरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. उमेश का कहना है कि सैंपल आ रहे हैं, लेकिन सात मार्च को दो मरीजों की जांच में एच3एन3 इन्फ्लूएंजा के भी आए थे। वहीं राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. अरुण जोशी ने बताया कि अधिकांश मरीज ओपीडी में इलाज करवा रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर भर्ती किया जा रहा है। वहीं, निजी अस्पतालों में भी प्रतिदिन 50 से अधिक बुखार के मरीज उपचार को पहुंच रहे हैं।
सीएमओ डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि सभी अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध हैं। मेडिकल कालेज में जांच की भी सुविधा है। अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर लगातार लगातार मानटिरिंग भी की जाएगी। इस बीमारी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
वहीं एच1एन1 व एच3एन2 से बचाव के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। अस्पतालों में जरूरत के अनुसार बेड आरक्षित करने के साथ-साथ जरूरी दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य महानिदेशक डा. विनीता शाह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि चिकित्सालय स्तर पर इंफ्लूएंजा /एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की सघन निगरानी की जाए। ताकि शुरुआती चरण मे ही मामले चिन्हित कर इंफ्लुएंजा को प्रसारित होने से रोका जा सके।
साथ ही प्रत्येक रोगी की सूचना अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत हेल्थ इंफोर्मेशन पोर्टल पर डालने को भी कहा है। जिलों को सीजनल इंफ्लुएंजा के नियंत्रण एवं उपचार के लिए केंद्र सरकार की गाइडलाइन (इंफ्लुएंजा रोगियों के वर्गीकरण, क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकाल, होम केयर, सैपलिंग)का पालन करने को कहा गया है।