देहरादून: कल देशभर में बड़े उल्लास के साथ दीपावली का त्यौहार मनाया गया और आज यानी 25 अक्तूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हुए दीपोत्सव का त्यौहार दीवाली मनाया जाता है, और अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस बार दिवाली अगले दिन सूर्यग्रहण होगा। और इस सूर्य ग्रहण के कारण इस बार दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा न होकर एक दिन का अंतर आ गया है। एक गणना के अनुसार पिछले 1300 वर्षों बाद सूर्य ग्रहण दो प्रमुख त्योहार के बीच पड़ने के साथ बुध, गुरु, शुक्र और शनि सभी अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। साल 2022 का यह अंतिम सूर्यग्रहण देश के कई हिस्सों में दिखाई देगा। देश में सूर्य ग्रहण के दौरान के समय को सूतक काल कहा जाता है।
दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण होने के कारण भाईदूजा, गौवर्धन पूजा के त्योहारों की तिथियां आगे चली गई हैं। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि ग्रहण काल के बीच जो व्यक्ति जितना अधिक अनाज खाता है, उसे उतने सालों तक नरक की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच खाना खाने से पेट संबंधी बीमारी होती है।
जानकारी के अनुसार इस वर्ष दिवाली के अगले दिन सूर्य ग्रहण का योग और ग्रहों का योग 1300 सालों बाद बना रहा है। सूर्य ग्रहण के दौरान बुध, गुरु, शनि और शुक्र सभी चारों ग्रह अपनी-अपनी राशि में मौजूद रहेंगे। शनि मकर राशि में, गुरु अपनी मीन राशि में, बुध कन्या राशि में और शुक्र तुला राशि में रहेंगे।
देश में सूर्य ग्रहण लगने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। हिन्दू धर्म के अनुसार सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक में पूजा-पाठ और शुभ काम वर्जित होते हैं। हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार 25 अक्तूबर को सूर्य ग्रहण शाम चार बजे के आसपास शुरू हो जाएगा। सूर्य ग्रहण लगने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले लग जाता है। यह ग्रहण करीब डेढ़ घंटे तक चलेगा।
बंद रहेंगे मंदिरों के कपाट
सूर्य ग्रहण के दौरान उत्तराखंड में चार धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों के भी कपाट बंद रहेंगे। ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ हो जायेगा। इसलिए सुबह 4 बजकर 26 मिनट पर ग्रहण से ठीक पहले चार धाम मंदिर बंद हो जायेंगे। 25 अक्टूबर शाम 5 बजकर 32 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा। इसलिए इस बीच श्रद्धालु भगवान के दर्शन नहीं कर पायेंगे। ग्रहण के बाद मंदिरों में साफ सफाई के बाद शाम को अभिषेक तथा शयन पूजा और आरती संपन्न होंगी।