इस बार 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर नहीं दिखेगी उत्तराखंड की झांकी

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देहरादून: इस बार उत्तराखंड की झांकी कर्तव्य पथ पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस परेड समारोह में नजर नहीं आएगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाली झांकियों का तीन साल का रोस्टर तैयार किया है। इस रोस्टर के जरिए सभी राज्यों को अपनी झांकियां प्रस्तुत करने का मौका मिल सकेगा।

पिछले तीन साल से लगातार उत्तराखंड की झांकी गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हो रही थी, लेकिन इस बार उत्तराखंड को ये मौका नहीं मिला है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से 23 से 31 जनवरी तक लाल किले पर होने वाले भारत पर्व में उत्तराखंड की झांकी शामिल की जाएगी।

भारत पर्व के लिए सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग द्वारा झांकी का मॉडल तैयार कर लिया गया है। यह झांकी “विकसित उत्तराखंड” की थीम पर बनाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया है। देवभूमि उत्तराखंड में विकसित भारत के तहत, ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन, होम स्टे, रोपवे पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। झांकी के अग्र भाग में पारंपरिक वेशभूषा में उत्तराखंडी महिला को स्वागत करते हुए दिखाया जाएगा। इसके साथ ही पारंपरिक अनाज मंडुवा, झंगोरा, रामदाना व चौलाई की खेती व राज्य पक्षी मोनाल को प्रदर्शित किया गया। झांकी के मध्य भाग में होम स्टे को दर्शाया जा रहा है।

पहाड़ों में होमस्टे योजना से हजारों ग्रामीणों को रोजगार मिल रहा है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में पिथौरागढ़ जिले के सरमोली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव घोषित किया था। साथ ही लखपति दीदी योजना से उत्तराखंड में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। स्वयं सहायता समूह में काम करते हुए स्थानीय महिलाओं व सुदूर पहाड़ों में सौर ऊर्जा व मोबाइल टावर को दिखाया गया है।

झांकी के आखिरी भाग में ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, रोपवे व भारत के प्रथम गांव माणा के लिए रोड कनेक्टिविटी को दर्शाया गया है। झांकी के साथ उत्तराखंड की लोक संस्कृति पर आधारित पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए कलाकार भी मौजूद रहेंगे।

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