करवा चौथ का व्रत हर साल सुहागिनों के लिए सबसे खास पर्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हुए निर्जला उपवास रखती हैं। यह व्रत प्रेम, समर्पण और आस्था का प्रतीक है। हालांकि, हर महिला के लिए यह व्रत रखना उचित नहीं होता। ज्योतिष और स्वास्थ्य दोनों की दृष्टि से कुछ महिलाओं को इस दिन उपवास नहीं रखना चाहिए।
आइए जानते हैं कौन-सी महिलाएं करवा चौथ का व्रत न रखें…
गर्भवती महिलाएं
गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का निर्जला व्रत नहीं रखना चाहिए। गर्भावस्था में शरीर को लगातार पोषण और जल की जरूरत होती है। लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहने से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। डॉक्टर की सलाह लेकर ही हल्का फलाहार या केवल जल ग्रहण करना बेहतर है।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं
जो महिलाएं नवजात शिशु को दूध पिलाती हैं, उन्हें भी यह व्रत नहीं रखना चाहिए। उपवास के दौरान पानी और भोजन न लेने से शरीर में ऊर्जा और दूध की मात्रा कम हो सकती है, जिससे बच्चे को पोषण नहीं मिल पाता। ऐसे में मां और बच्चे दोनों की सेहत को प्राथमिकता देनी चाहिए।
बीमार या कमजोर महिलाएं
जो महिलाएं किसी बीमारी से जूझ रही हैं या शारीरिक रूप से कमजोर हैं, उन्हें निर्जला व्रत से बचना चाहिए। ऐसा करने से शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं
पीरियड्स के दौरान शरीर स्वाभाविक रूप से कमजोर होता है। इस समय उपवास करने से थकान, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस स्थिति में पूजा-पाठ की जगह मन से प्रार्थना करना ही बेहतर होता है।