देहरादून: देश की सबसे लंबी और पहली मिलेट क्रांति साइकिल रैली का समापन हो गया है। मिलेट क्राँति के परिपेक्ष में यह देश की पहली अनोखी साइकिल रैली है जिसने तीन दिनों लगभग 300 KM की दूरी तय कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शुक्रवार 14 अप्रैल को देहरादून मुख्यमंत्री आवास से शुरू हुई साइकिल रैली पहले दिन ऋषिकेश होते हुए श्रीनगर में पहुँची। दूसरे दिन श्रीनगर से रवाना होते हुए रुद्रप्रयाग और फिर दूसरे दिन का विश्राम हॉलीडेज होम कर्णप्रयाग में हुआ।
तीसरे दिन 16 अप्रैल रविवार सुबह 6 बजे मिलेट क्राँति साइकिल रैली कर्णप्रयाग स्थित हॉलीडेज होम से अपने अन्तिम पड़ाव मुन्दोली के लिए निकली। जहाँ अध्यक्षा नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग दमयंती रतूड़ी ने हरी झंडी दिखाकर रैली को विधिवत रवाना किया। मौके पर होलिडेस् होम के MD विजय खंडूरी/ प्रमोद नौटियाल, सभासद नगर पालिका परिषद कर्णप्रयाग नवीन नवानी, पूर्व नगर पालिका परिषद अध्यक्ष सुभाष गैरोला आदि मौजूद रहें।
यह है रैली का मक़सद
भारत सरकार के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। देश में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसकी सार्थक पहल की गई है। उत्तराखण्ड में मोटे अनाज का उत्पादन अधिक होने के बावजूद कम जागरूकता है, इसी लिए चमोली ज़िले की बेटी नथुली संस्था की संस्थापिका सुमन नैनवाल ने यह बीड़ा उठाया। उन्होंने इस रैली का आयोजन कर ग्रामीणों को मोटे अनाजों के प्रचार प्रसार के लिए प्रेरित करने के साथ ही उन्हें इसका मार्केट उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया।
पहाड़ी भोज और संस्कृति कार्यक्रम रहे विशेष आकर्षक
कर्णप्रयाग से निकलकर शिमली, नारायण बगड़ होते हुए रैली थराली पहुँची। जहाँ पर स्थानीय विधायक माननीय भूपाल राम टम्टा द्वारा रैली का स्वागत और प्रातःभोज की व्यवस्था की गयी। जिसमे भाजपा मण्डल थराली के समस्त पदाधिकारीगण मण्डल अध्यक्ष थराली नंदु बहुगुणा, जिला पंचायत सदस्य देवी जोशी, मण्डल महामंत्री अनिल देवराडी, युवा मोर्चा मण्डल अध्यक्ष जय सिंह बिष्ट, भाजपा कार्यकर्ता दिनेश सरपंच, युवा मोर्चा सदस्य विपिन चंद्र, सैनिक प्रकोष्ट महामंत्री दिनेश देवराडी, भाजपा कार्यकर्ता दिवाकर नेगी, एवम अन्य मौजूद रहे। दोपहर को देवाल से होते हुए रैली अपने अंतिम पड़ाव चमोली जनपद के बेहद ही खूबसूरत गाँव मुन्दोली पहुंची। जहाँ ग्राम प्रधान आनंद सिंह बिष्ट, एवम समस्त ग्रामीणों द्वारा रैली का ढोलदमौ, मशकबीन, भंकोर, आदि पारम्परिक वाद्य यंत्रो से भव्य स्वागत किया गया।
रात्रि भोज पूर्णतय ग्रामीण लोगो द्वारा उगाये गए अन्न से ही बनाया गया। जिसको पारम्परिक तौर तरीको से लकड़ी के चुल्हो मे पकाया गया। रात्रिभोज के उपरान्त ग्रामीणों द्वारा अपनी संस्कृति और इतिहास पर आधारित विभिन्न सांस्कर्तिक कार्यकर्मो की प्रस्तुति दी गयी। उसके बाद संस्था की संस्थापिका सुमन नैनवाल द्वारा ग्रामीणों को मोटे अनाजों के बेहतर रख रखाव और देश तथा विदेशो में बढ़ती डिमांड के लिए नए तौर तरीके बताये गए। जिसमें फसल की गुणवत्ता के आधार पर अन्न की ग्रेडिंग करके, पैकजिंग, एवं उचित बाजार को ढूंढना मुख्य है। उन्होंने बताया कि बाजारीकरण के इस दौर में किसी भी प्रोडक्ट को बेचने तथा उसका उचित मूल्य प्राप्त करने के लिए उसको प्रदर्शित करने का तरीका एक मुख्य भूमिका निभाता है। साथ ही संस्था के पदाधिकारियों द्वारा ग्रामीणों का उक्त विषय पर सभी सवालो का संतोषजनक उत्तर दिया गया।
देवाल से मुन्दोली के बीच हुई रैली की असल परीक्षा
इस दौरान मिलेट क्राँतिकारियों को पहाड़ी घुमावदार और खड़ी चढाई वाली कच्ची रोड से दो चार होना पड़ा। रास्ता अनुकुल ना होने पर भी आखिरकार कठिन परिस्थियों पर हिम्मत और जज्बे की जीत हुई। 62 वर्षीय साइकिलिस्ट विनोद कुमार सकलानी ने बताया कि देहरादून से निकलते ही वो साइकिल से गिर गए थे जिस कारण उनका दाहिना हाथ चोटिल हो गया था, परंतु उन्होंने हार नही मानी बावजूद चोटिल होने के उन्होंने देहरादून से मुंदोली तक का पूरा सफर साइकिल से किया। जोकि आज की युवा पीढ़ी और उन सभी लोगों के लिए एक सबक है कि मुसीबतो के सामने कभी भी घुटने नही टेकने भले हालत आपके अनुकूल न हो परंतु हिम्मत, मेहनत, और जज्बे से सभी कुछ संभव है।