देहरादून: केदार घाटी में मंगलवार का दिन सात लोगों के लिए अमंगल वाला साबित हुआ। हेलीकॉप्टर क्रैश में पायलट समेत सात यात्रियों की मौत हो गई। ये यात्री गुजरात और तमिलनाडु के रहने वाले थे। इस दुर्घटना पर देश भर में शोक की लहर है। लेकिन केदार घाटी में हेलीकॉप्टर क्रैश का यह पहला मामला नहीं है। पिछले 12 सालों में केदारघाटी में सात बार हेलीकॉप्टर क्रैश की घटना सामने आई है। जिसमें कुल 26 लोगों की मौत हुई थी। इनमें सेना के 20 जवान भी शामिल थे।
जानते हैं इन घटनाओं के बारे में…
2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर के पंखे से कटकर एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई थी।
16 और 17 जून 2013 को केदारनाथ में भारी तबाही आई थी। केंद्र सरकार ने वायु सेना को रेस्क्यू के लिए भेजा था। 19 जून 2013 को रेस्क्यू के दौरान जंगलचट्टी में भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हालांकि, इस दुर्घटना में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
25 जून को सेना का एक एमआई-17 राहत बचाव के दौरान गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच घनी पहाड़ियों में कोहरे और खराब मौसम में क्रैश हो गया था। इस घटना में पायलट, कोपायलट समेत 20 जवान बलिदानी हो गए थे।
28 जून 2013 को केदारनाथ से दो किलोमीटर दूर गरुड़चट्टी के पास एक प्राइवेट हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस दुर्घटना में पायलट व को-पायलट समेत 3 लोगों की मौत हुई थी। यह हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू में लगा था।
2013 को केदार घाटी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें एक कोपायलट और एक इंजीनियर की मौत हो गई थी।
2016 में भी केदार घाटी में एक हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था।
2018 में केदारघाटी में सेना का एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया था। इस हादसे में सभी सवार सुरक्षित बच गए थे।
2019 को केदारनाथ में हेलीपैड पर यूटी एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश हो गया था। इस हादसे में भी सभी यात्री सुरक्षित थे।
2019 में उत्तरकाशी में हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। इस हादसे में तीन यात्रियों की मौत हुई थी। हेलीकॉप्टर आपदा प्रभावित आराकोट न्याय पंचायत क्षेत्र के मोल्डी गांव में राहत सामग्री ड्रॉप कर वापस लौट रहा हेलीकाप्टर क्रैश हो गया।
हालाँकि अधिकतर बार हवाई दुर्घटनाओं का मुख्य कारण मौसम का ख़राब होना माना जाता है। केदार घाटी में समय-समय पर अचानक मौसम ख़राब हो जाता है जिस कारण कई बार यह हवाई सफर करना चुनौतीपूर्ण बन जाता है।