रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए आज तीसरे दिन रेस्क्यू जारी है। अभी भी करीब 1500 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू चल रहा है।यहां पर देर रात तक हुई बारिश की वजह से मंदाकिनी नदी का जलस्तर का भी ज्यादा बढ़ गया है, जिसकी वजह से लोगों को शुक्रवार को नदी के किनारे पत्थरों के बीच से निकाला जा रहा था, उस रास्ते को आज बंद कर दिया गया है।
जो लोग फंसे हुए हैं उन्हें अब पहाड़ियों पर चढ़कर ऊपर से दूसरी तरफ से नीचे उतारा जा रहा है। ऊपर से नीचे आने के लिए NDRF की टीम ने रस्सी डाली हुई है और उसे रास्ते से लोगों को नीचे लाया जा रहा है। जो लोग पहाड़ी चढ़ने के सक्षम है वही लोग दूसरी तरफ से ऊपर आ पा रहे हैं क्योंकि पहाड़ी पर चढ़ने के लिए कोई साधन नहीं है। श्रद्धालुओं का कहना है कि रेंग-रेंग कर पहाड़ी चढ़ते हैं फिर उसके बाद नीचे उतरने के लिए एनडीआरएफ ने रस्सी डाली हुई है और उसी रस्सी के सहारे नीचे उतर रहे हैं।
शुक्रवार को 599 लोगों को हेली सेवाओं से एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया, जबकि सोनप्रयाग से जंगलचट्टी के बीच फंसे 2024 तथा चौमासी से 161 तीर्थयात्रियों का रेस्क्यू किया गया। अब तक 1353 हेली व 5324 मैलुअल के साथ 303 चौमासी से मिलाकर 6,980 यात्रियों रेस्क्यू हो चुका है।जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। तीर्थयत्रियों के परिजन जानकारी के लिए इन नंबरों हेल्पलाइन नंबर 7579257572, 01364- 233387, 8958757335, 01364-297878, 01364-297879, 918078687829, 917579104738, 01364- 233727, 01364- 2331077 पर संपर्क किया जा सकता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव अभियान पर कहा- पूरे उत्तराखंड में राहत-बचाव अभियान जारी है, सभी विभाग अलर्ट पर हैं। मैं खुद भी लिनचोली और गुप्तकाशी गया था। प्रधानमंत्री ने मदद का आश्वासन दिया है, हेलिकॉप्टर भी भेजा गया है। गृह मंत्री, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी लगातार हमारे संपर्क में हैं, केंद्र सरकार से हम संपर्क में हैं। हम हर एक श्रद्धालु की सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ में फंसे यात्रियों की सकुशल वापसी की व्यवस्था के साथ केदारनाथ पैदल मार्ग से आवाजाही भी सुनिश्चित कराने को कहा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि अतिवृष्टि के कारण सड़के बाधित होने की स्थिति में उनको सुचारू करने में कम से कम समय लिया जाए। उन्होंने पुल टूटने पर बैली ब्रिज बनाकर जल्द से जल्द आवागमन को सुचारू किए जाने के भी निर्देश दिए, कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि लोगों को पेयजल और विद्युत की सूचारू आपूर्ति हो।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा मार्गों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं रखने के भी निर्देश दिये हैं। यात्रा मार्ग में अतिवृष्टि के कारण यदि कहीं पर मार्ग बाधित होते हैं या आगे कोई खतरा प्रतीत होता है तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों सहित सभी संबंधित अधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत हर समय अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिये हैं।