आने वाले समय में कैंसर और दिल के रोगों के लिए वैक्सीन आ सकती है. अंग्रेजी वेबसाइट डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन निर्माता कंपनी मॉडर्ना ने इसकी जानकारी दी है. कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ. पॉल बर्टन ने कहा कि mRNA के क्षेत्र में हुई प्रगति के कारण कोविड शॉट बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक ने वैक्सीन के एक सुनहरे युग की शुरुआत की है. कंपनी प्रमुख का कहना है कि इस दशक के अंत यानी 2030 तक वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है.
रिपोर्ट्स की मानें तो अमेरिका मेंसालाना 1.3 मिलियन मौतों का कारण कैंसर और दिल के रोग हैं. कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव डॉ. पॉल बर्टन के मुताबिक, जल्द इन दोनों बीमारियों के लिए प्रभावी वैक्सीन आएगी, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान बचाएगी जा सकेगी.
डॉ. पॉल बर्टन का कहना है कि हम दुनियाभर अलग-अलग ट्यूमर के खिलाफ लड़ रहे लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में हमने यही सीखा है कि mRNA सिर्फ संक्रामक रोगों या फिर कोरोना के लिए नहीं था. ये कार्डियोवस्कुलर, ऑटो इम्यून, कैंसर और दुर्लभ बीमारियों में भी कारगर है. रिसर्च में उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं.
डॉ. बर्टन ने इसके बारे में नहीं बताया कि वैक्सीन कैसे काम करेगी लेकिन पिछले अध्ययनों से पता चला है कि कैंसर से लड़ने के लिए mRNA का इस्तेमाल किस तरह से किया जा सकता है. mRNA वैक्सीन शरीर के सेल्स को एक प्रोटीन का उत्पादन करने का निर्देश देकर काम करते हैं, जो कोविड जैसे पैथोजन्स के खिलाफ इम्यून रिस्पॉन्स को ट्रिगर करता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कैंसर कोशिकाओं की सतह से एंटीजन बनाने के लिए इन निर्देशों को भी बदला जा सकता है.
किसी इंसान को कैंसर की वैक्सीन देने से पहले डॉक्टर उस शख्स के ट्यूमर से बायोप्सी लेंगे. फिर वे कैंसर कोशिकाओं पर एंटीजन की पहचान करेंगे और उसी एंटीजन को बनाने और सेल्स को ट्रिगर करने के लिए mRNA वैक्सीन को कोड करेंगे. मरीज को वैक्सीन देने के बाद उनकी कोशिकाओं को एंटीजन बनाने के लिए ट्रिगर किया जाएगा. ब्रिटेन और अमेरिका में mRNA कैंसर वैक्सीन का ट्रायल पहले से ही जारी है, जिसके नतीजे आने वाले कुछ महीनों में सामने आ सकते हैं.