दिव्यांगो ने हर क्षेत्र में अपनी जगह खुद बनाई है। वर्षों से अपने हक को लड़ाई लड़ने के पश्चात भी समाज में आज भी कई जगह उन्हें समान दृष्टि से नहीं देखा जाता। इसी पुरातन सोच को तोड़ने के लिए और दिव्यांगों को समान अधिकार दिलाने के लिए एनसीपीईडीपी इंफोसिस के पुरस्कारों के लिए नामांकन शुरू हो गए है।
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दिव्यांग लोगों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय केंद्र (एनसीपीईडीपी) की वर्ष 2021 के पुरुस्कारो की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। विगत 25 वर्षों से दिव्यांगों के हित के लिए काम करने वाली संस्था एनसीपीईडीपी-एमफैसिस यूनिवर्सल डिजाइन अवार्ड्स का यह 12वां संस्करण है। 2010 में एम्फोसिस के सहयोग से शुरू हुए इन पुरुस्कारों के अंतर्गत उन व्यक्तियों और संगठनों का सम्मान किया जाता है जो शिक्षा, कार्य, बुनियादी ढांचे आदि के क्षेत्रों में सुलभता समाधान, या सार्वभौमिक डिजाइन का निर्माण कर दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक अरमान अली के अनुसार, “पहुंच का मतलब है कि एक दिव्यांग व्यक्ति को भी समान जानकारी प्राप्त हो, एक ही प्रकार की बातचीत हो, वह भी समान रूप से सेवाओं का आनंद ले सके, जैसे एक आम व्यक्ति लेता है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में महामारी और सिस्टम की नाकामियों के कारण सूचना, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की पहुँच न होने की कमी को साफ़ तौर पर देखा गया।
एक प्रगतिशील राष्ट्र के रूप में, हमें हर चीज को सार्वभौमिक सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए बनाना चाहिए, अन्यथा दुनिया एक बार फिर दिव्यांग लोगों को विफल कर देगी। वर्षों से, ये पुरस्कार पथप्रदर्शक कार्यों को लोगों की नज़रों में ला रहे हैं और इस बार भी हम पूरे भारत से, विशेष रूप से जमीनी स्तर पर नए कार्यों की तलाश कर रहे हैं।”
“कोविड -19 के नतीजे ने दिव्यांग व्यक्तियों को असमान रूप से प्रभावित किया है। इसने न केवल हमारे जीवन के विभिन्न रोजमर्रा के पहलुओं में पहुंच (accessibility) को शामिल करने की तत्काल आवश्यकता को उजागर करने का काम किया है। सामूहिक रूप से दिव्यांग लोगो के साथ मिलकर इस क्षेत्र में अनुसन्धान पर काम किया जाना चाहिए। उन्हें एक बेहतरीन जीवन देने के लिए सॉफ्टवेयर, उपकरण आदि चीज़ो पर जोर देने की आवश्यता है। और इन पुरुस्कारों के द्वारा हम लोगों में जागरूकता बढ़ाने और अधिक यूनिवर्सल डिज़ाइन की उम्मीद करते है। ” श्रीकांत वर्मा, सीएचआरओ, एम्फैसिस।
यह पुरुस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिए जाते है…
- निर्मित पर्यावरण
- परिवहन
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी)
- सेवाएं
- एड्स और उपकरण
- वकालत और सार्वजनिक नीति
2021 में पुरस्कारों का 12वां संस्करण देखा जाएगा और निम्नलिखित 4 श्रेणियों में नामांकन आमंत्रित किए गए हैं…
- दिव्यांग व्यक्ति – इस श्रेणी में उन दिव्यांग लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने यूनिवर्सल डिज़ाइन और एक्सेसिबिलिटी पर प्रभाव डाला है। इस श्रेणी में 3 लोगों को प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाता है।
- पेशेवर – किसी भी शैक्षिक संस्थान / गैर सरकारी संगठन / कॉर्पोरेट संगठन / सरकारी निकाय के कर्मचारी जिन्होंने दिव्यांगों से जुड़े मुद्दे को उठाया है या एक सलाहकार या फ्रीलांसर जिसने अपना समय इस कारण को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित किया है। इस श्रेणी में हर साल देश भर से 3 लोगों पुरस्कृत किये जाते हैं।
- कंपनी /संगठन – कंपनी या संगठन जिन्होंने बताए गए किसी भी क्षेत्र में एक्सेसिबिलिटी या यूनिवर्सल डिजाइन का काम किया है। इस श्रेणी में 4 कंपनियों/संगठनों को पुरस्कार दिए जाते हैं।
- यूनिवर्सलडिजाइनके लिएएनसीपीईडीपी- एमफैसिस जावेद आबिदी पब्लिक पॉलिसी सम्मान – 2018 में स्वर्गीय जावेद आबिदी की स्मृति में स्थापित इस श्रेणी में सार्वभौमिक डिजाइन सिद्धांत और पहुंच को बढ़ावा देने के प्रयासों को सराहा जाता है। इस श्रेणी के तहत भौतिक बुनियादी ढांचे, परिवहन, आईसीटी, उत्पादों और सेवाओं के क्षेत्र में दिव्यांग लोगों के लिए समान अवसर बनाने के लिए अनुकरणीय कार्य करने वाले व्यक्तियों/संगठनों को दो पुरस्कार दिए जाएंगे।
नामांकन जमा करने की अंतिम तिथि शनिवार, 7 अगस्त 2021 है और नामांकन फॉर्म एनसीपीईडीपी की वेबसाइट www.ncpedp.org से डाउनलोड किए जा सकते हैं। सम्मान समारोह 28 सितंबर 2021 को आयोजित किया जाएगा।
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