देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत राज्य की धामी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अब हरदा ने एक बार फिर से मौन उपवास के जरिए सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की है।
हरीश रावत का कहना है कि राज्य में किसान को यूरिया के अलावा दूसरी खाद मिल नहीं पा रही है, किसान परेशान हैं। गन्ने पर इस साल पानी भराव के कारण स्टेम बोरर, धूप का ज्यादा प्रकोप हो गया है। तराई के किसान ने रिकॉर्ड धान पैदा किया, सरकार में खरीद पा रही है और न मूल्य अदा कर रही है। नींबू, नारंगी और माल्टा सरकार के लिए सौतेले फल हो गए हैं।
हरीश रावत ने आगे कहा कि मैंने तय किया है कि खाद आदि की कमी, किसान को धान का पेमेंट न होने और नारंगी, माल्टे व नींबू का खरीद मूल्य न बढ़ाये जाने के विरोध में मौन व्रत करुंगा।