हरिद्वार: कांवड़ यात्रा की शुरुआत 14 जुलाई से हो गई है। सावन की शुरुआत के साथ ही भोले के भक्त कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं। लेकिन कांवड़ यात्रा से पहले गृह मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को एडवायजरी जारी की गई है और कहा गया है कि कांवड़ यात्रा की सुरक्षा को बढ़ा दिया जाए क्योंकि कांवड़ यात्रा पर कुछ कट्टरपंथियों हमला कर सकते हैं। खुफिया विभाग के इनपुट की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने यह एडवायजरी कई राज्यों को जारी की है। यह एडवायजरी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के लिए जारी की गई है और कहा गया है कि कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया जाए।
सावन का पवित्र महीना शुरू होते ही देश की पवित्र नदियों से शिव मंदिरों में जल अर्पित करने के लिए कांवड़ यात्रियों के जत्थे रवाना हो गए हैं। यूपी समेत देश के अनेक राज्यों में बड़े पैमाने पर ये यात्राएं निकाली जाती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कांवड़ियों की सुरक्षा बढ़ाने के तत्काल इंतजाम करें। गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों का अलर्ट किया है। इन राज्यों को कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की सलाह दी है।
कोरोना के चलते कांवड़ यात्रा दो साल तक नहीं हो सकी थी। दो साल के अंतराल के बाद कांवड़ यात्रा को एक बार फिर से शुरू किया जा रहा है। प्रशासन का अनुमान है कि तकरीबन चार करोड़ कांवड़िए हरिद्वार पहुंचेंगे। कई राज्यों उत्तर प्रदेश के कांवड़िए दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान से हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं, वो यहां गंगाजल इकट्ठा करते हैं और भगवान शिव को अपने इसे चढ़ाते हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश को सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। जगह-जगह पर सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है, ड्रोन तैनात किए गए हैं, सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। बॉम्ब डिस्पोजल टीम, एंटी टेररिस्ट स्क्वॉट को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है। हरिद्वार और आसपास के इळाकों को 12 सुपर जोन, 31 जोन, 133 सेक्टर में बांटा गया है और यहां 10 हजार जवानों को तैनात किया गया है।