देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सेना भर्ती में असफल रहने पर आत्महत्या करने वाले बागेश्वर के कमलेश गोस्वामी के परिजनों से फोन पर बात कर संवेदना प्रकट की। उन्होंने घटना को बहुत दुखद बताते हुए दिवंगत की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार शोक संतप्त परिवार की हर संभव सहायता करेगी।
आखिर क्यों दी कमलेश ने जान…
गौरतलब है कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट थाना क्षेत्र के कमलेश बचपन से भारतीय सेना का हिस्सा बनने का सपना देख रहे थे। बताया जा रहा है कि अग्निवीर सेना भर्ती परीक्षा में असफल होने के चलते युवक ने खौफनाक कदम उठाया है, मरने से पहले मृतक ने एक वीडियो अपने दोस्तों को भेजा था, जिसमें उसने बताया कि फिजिकल और मेडिकल में 200 मार्क्स और रिटन पेपर में एनसीसी सी सर्टिफिकेट होने के कारण उसका अग्निवीर में होना फाइनल था, लेकिन उसे फेल कर दिया गया, इसलिए वो आत्महत्या कर रहा है। कमलेश गोस्वामी पुत्र हरीश गोस्वामी ने घर में रखा जहरीला पदार्थ गटक लिया। स्वजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए। जहां से डाक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर किया। बीते सोमवार की रात लगभग 11.30 बजे उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी ने बताया कि वह तीन भाई हैं। जिसमें एक भाई प्राइवेट और एक दुकानदारी करता है। पिता भी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। वह अपने परिवार का सबसे छोटा था। वह कोरोनाकाल से फौज में जाने की तैयारी कर रहा था। पिछली बार भी असफल रहा। कमलेश इस बार अग्निवीर भर्ती में वह फिजिकल और मेडिकल में फिट था। एनसीसी का सी सार्टीफिकेट भी उसके पास था। बीते सोमवार को भर्ती का परीक्षाफल आया। वह तब ट्रैकर से खेत जोत रहा था। घर आने पर मोबाइल पर रिजल्ट देखा और असफल होने पर जहर गटक लिया। कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने कहा कि मृतक ने सेना के लिए काफी मेहनत की। अगली भर्ती में उसकी उम्र अधिक हो जाती।