पौड़ी गढ़वाल: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल का एक ऐसा गांव जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.. तारीफ की वजह बेहद खास है क्योंकि उत्तराखंड देवभूमि है और उत्तराखंड में कण-कण में देवी देवता वास करते हैं… ग्राम थमाण पौड़ी गढ़वाल के ग्राम वासियों ने एक ऐसी पहल की है, जहां देवी देवता के पूजन के साथ-साथ अब अपने लोगों को एक करने व रिवर्स पलायन की भी ठानी है जिसकी चर्चा अब हर तरफ हो रही है…….
क्या है पूरा कार्यक्रम आपको बताते हैं…..
श्री नागराजा मंदिर समिति – ग्राम थमाणा, पट्टी सितौनस्यूं, ब्लॉक कोट, जनपद पौड़ी गढ़वाल
गांव की संस्कृति, आस्था और पुनः लौटती पहचान का उत्सव
तिथि – 4 जून से 6 जून 2025… स्थान – ग्राम थमाणा, जनपद पौड़ी गढ़वाल
कार्यक्रम संक्षेप
4 जून (बुधवार) – शोभायात्रा, कीर्तन-मण्डाण, और गांव की पारंपरिक झांकियां।
5 जून (गुरुवार) – पूजन एवं रात्रि जागरण, जिसमें मुकेश कठैत, मनीष लखेड़ा व शिवानी शर्मा की भजन संध्या।
6 जून (शुक्रवार) – हवन, विशेष पूजन एवं भव्य भण्डारा।
जड़ों की ओर लौटने का आमंत्रण
जब दुनिया शहरों की ओर दौड़ रही है, तब ग्राम थमाणा अपने कुलदेवता श्री नागराजा और मां भगवती के आशीर्वाद से गांव लौटने की परंपरा को पुनर्जीवित कर रहा है। ये तीन दिन आस्था, पूजा-पाठ के साथ – साथ उस आत्मिक रिश्ते की पुनः स्थापना भी हैं जो मिट्टी, आस्था और हमारी पहचान से जुड़ा है।
देश-विदेश में बसे ग्रामवासी गांव लौट रहे हैं — यह केवल रिवर्स माइग्रेशन नहीं, बल्कि संस्कृति का पुनर्जागरण है।यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि –”जहां देवता जीवित हैं, वहां गांवों की आत्मा भी जीवित है।””आपका गांव आपको पुकार रहा है — आइए, इस पुकार को श्रद्धा और सहभागिता से उत्तर दें।”
“ॐ नमः शिवाय” | “जय श्री नागराजा” | “जय माता दी”
निवेदन…
श्री नागराजा मंदिर समिति ग्राम थमाणा समस्त ग्रामवासियों, विशेष रूप से देश-विदेश में बसे प्रवासी भाई-बहनों से करबद्ध निवेदन करती है कि वे अपने गांव लौटकर इस पावन आयोजन में सपरिवार सहभागिता कर इसे और भी गौरवपूर्ण बनाएं।
आपकी उपस्थिति ही गांव की ऊर्जा है। आइए, साथ मिलकर संस्कृति को फिर से जीवित करें।
श्री नागराजा मंदिर समिति, ग्राम थमाणा
(पोस्ट – कोट, जनपद – पौड़ी गढ़वाल)