हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस साल चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च से हो रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि आरंभ हो जाती है, तो नवमी तिथि को समाप्त होती है। 9 दिनों तक चलने वाली इस नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों यानी कि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही पहले दिन घर में घटस्थापना की जाती है। इसके साथ ही साधक पूरे नौ दिनों तक व्रत रखकर मां की आराधना करते हैं। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि को मां दुर्गा के स्वरूप मानकर छोटी कन्याओं की पूजा करने के साथ भोजन कराते हैं। इस साथ चैत्र नवरात्रि 9 दिन न पड़कर 8 दिनों की पड़ने वाली है।
आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के दौरान कब करें कलश स्थापना।
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ- 29 मार्च शाम 4 बजकर 27 मिनट से शुरू
चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि समाप्त- 30 मार्च दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्त
पहला मुहूर्त – 30 मार्च 2025 को सुबह 06:13 मिनट से सुबह 10:22 मिनट तक है
दूसरा अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:01 मिनट से 12:50 मिनट तक