देहरादून: चुनाव से ऐन पहले पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत को भाजपा ने भले ही पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया हो लेकिन शायद हरक अभी तक भाजपा को दिल से नहीं निकाल पाए। दरअसल, विधानसभा से नजदीक ही डिफेंस कालोनी है। कालोनी की मुख्य सड़क पर ही पहले मंत्री सुबोध उनियाल के आवास का बोर्ड आता है। इसी दिशा में अगली सड़क आती है, जिस पर एक बोर्ड लोगों का ध्यान खींच रहा है। इस बोर्ड पर निवास, डॉ. हरक सिंह रावत, मंत्री, उत्तराखंड सरकार लिखा हुआ है।
इसके साथ ही भाजपा का चुनाव चिन्ह भी बना हुआ है। एक तीर का निशान है जो कि आवास की दिशा बता रहा है। अब लोग उनके आवास के बाहर लगे इस बोर्ड को देखकर लोग कुछ इसी तरह की चुटकियां ले रहे हैं। आने-जाने वाले लोग यह बोर्ड देखकर चुटकी ले रहे हैं कि भले ही भाजपा ने हरक को निकाल दिया लेकिन हरक के दिल से अभी भाजपा नहीं निकली है।
बता दें कि पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के टिकट के लिए हरक सिंह रावत को भाजपा से विदा लेनी पड़ी थी, लेकिन उनके यह कदम सही साबित नहीं हुआ। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कुछ दिन पहले कहा कि उनके राजनीतिक जीवन के 40 साल में पहली बार उनका पुर्वानुमान गलत साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें डोईवाला से चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हरक सिंह ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस की 37-38 सीटें आने का अनुमान लगाया था, लेकिन उनका यह पुर्वानुमान गलत साबित हुआ। चुनाव के दौरान जब वह राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा कर रहे थे, तभी भाजपा के झंडे-डंडों ने काफी हद तक चुनावी हवा का रुख स्पष्ट कर दिया था।
हरक ने कहा कि उन्हें इस बात का कोई मलाल नहीं है कि भाजपा ने उन्हें निकाल दिया या वह चुनाव नहीं लड़ पाए। भाजपा में रहते हुए भी उनकी पुत्रवधू को और उन्हें टिकट दिया जा रहा था। यह ऑफर कांग्रेस से भी था लेकिन इस बार उन्होंने पहले चुनाव न लड़ने का मन बना लिया था। भाजपा में रहते हुए अमित शाह ने फोन करके उनसे कहा था कि तीन विधानसभा बता दो, जहां से आप चुनाव लड़ना चाहते हो। बाद में निकाल दिया तो बहाना बनाने लगे कि हरक सिंह दो टिकट मांग रहा था, इसलिए निकाल दिया।
हरक सिंह रावत ने कहा कि भले वह राज्य बनने के बाद पहली बार सदन से बाहर हैं, लेकिन वह घर बैठने वाले व्यक्ति नहीं हैं। आगे उनकी क्या रणनीति रहेगी, इसका उन्होंने खुलासा तो नहीं किया, लेकिन कहा इस बार यह चैनल (कांग्रेस) लंबा चलेगा, पिछला चैनल (भाजपा) भी लंबा चलता, लेकिन वह भी क्या करते, उन्होंने पहले ही उन्हें बाहर निकाल दिया।