शीतकाल के लिए बंद हुए बाबा केदार के कपाट

0
10
Listen to this article

रुद्रप्रयाग :भैया दूज पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शुभ मुहूर्त में विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. इसके बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई और बाबा केदार की शीतकालीन पूजा गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी. वहीं बाबा केदार के कपाट बंद होने के समय हर हर महादेव के जयकारों से केदारघाटी गूंज उठी.

गौर हो कि चारधाम यात्रा अपने समापन की ओर बढ़ चली है. इसकी शुरुआत मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के साथ हो चुकी है. भगवान आशुतोष के 11वें ज्योतिर्लिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 8 बजे छह माह के लिए श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं. भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली को विधि-विधान से मंदिर परिसर से रवाना हुई. जिसके बाद श्रद्धालु बाबा केदार की शीतकाल में पूजा-अर्चना ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में कर सकेंगे. कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार छह माह के लिए समाधि में लीन हो गए हैं.

कपाट बंद होने की पूरी तैयारियां मंदिर समिति ने पूर्व में ही कर ली थी. वहीं बाबा केदार की भोग मूर्ति अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ आएगी. जहां श्रद्धालु छह माह तक बाबा केदार का दर्शन और पूजन कर आशीर्वाद ले सकते हैं. शीतकाल के दौरान चारों धामों में भारी बर्फबारी होती है. इसलिए चारों धाम छह महीने शीतकाल में बंद रहते हैं. हालांकि, कपाट की बंद करने को लेकर विधि-विधान और मान्यताएं भी हैं. मान्यता है कि बदरी केदार में छह महीने इंसान और छह महीने देवता पूजा करते हैं. इसलिए छह माह कपाट बंद रहते हैं. बताते चलें कि 18 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे. बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही इस साल के लिए चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here