देहरादून: रामनगरी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या ही नहीं, देश में भी नए युग का आगाज हो गया। पांच सदियों का इंतजार सोमवार को कृष्णशिला में प्राण स्थापना के साथ समाप्त हो गया और रामलला पूर्ण स्वरूप में भव्य मंदिर में विराजमान हो गए। उनका नाम बालक राम रखा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की पहली आरती उतारी। स्वर्णमयी सिंहासन पर विराजमान रामलला को चांदी का छत्र अर्पित किया और मां जानकी के प्रतीक स्वरूप में चुनरी भी चढ़ाई। प्रधानमंत्री ने रामलला को 1008 रजत कमल अर्पित किए। 45 मिनट का अनुष्ठान पूर्ण हुआ, तो देशवासी अभिभूत हो उठे। इस दौरान, जन्मभूमि परिसर पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई।
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देवभूमि उत्तराखंड में भी भव्य उत्सव मनाया गया। सुबह से ही राजधानी दून से लेकर सभी जिलों का माहौल राममय हो गया। सुबह से शाम तक गुलाल, बोनफायर आदि से होली जैसा माहौल रहा तो शाम ढलते ही पटाखों से दून गूंज उठा। घरों में लगी इलेक्ट्रॉनिक झालरें और दीयों से दिवाली-सा उत्सव रहा। वहीं, लोगों ने दीप जलाकर रामलला का स्वागत किया। हरिद्वार में श्रीगंगा सभा की ओर से हरकी पैड़ी पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया गया। दिनभर कई तरह के आयोजन किए गए जिससे पूरा शहर राममय हो गया। शाम को हरकी पैड़ी पर दीप जलाए गए। साथ ही आतिशबाजी की गई। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी गंगा पूजन कर दीपदान किया।
केदारनाथ धाम में ललित बाबा आश्रम में 108 घी के दीपक जलाए गए। मंदिर परिसर में तैनात आईटीबीपी के जवानों ने बाहर परिसर में दीपक जलाए। बाबा केदारनाथ के शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में अखण्ड रामायण, भजन कीर्तन और हवन यज्ञ का आयोजन हुआ। प्रसाद वितरण किया गया। विभिन्न महिला मंगल दलों और भजन कीर्तन मंडलियों की ओर से भजन गाए गए। शाम को पहाड़ से मैदान तक दीप जलाए गए। केदारनाथ धाम सहित जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग और अन्य कस्बों, गांवों में भव्य झांकी निकाली गई। साथ ही मंदिरों में कीर्तन-भजन का आयोजन कर भंडारा का आयोजन किया गया। वहीं, उत्तरकाशी के बड़कोट में राजा रघुनाथ महाराज मंदिर को भी सजाया और पूजा की गई।