सीडीएस बिपिन रावत नहीं रहे. भारतीय वायु सेना ने ट्विटर पर ये दुखद खबर साझा की है. तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था. (सीडीएस) बिपिन रावत के अलावा, हादसे में उनकी पत्नी मधूलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक, सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंगटन में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. कुन्नूर के घने जंगल में यह हादसा हुआ था.भारत के पहले सीडीएस की मौत की खबर आने से देश में शोक की लहर है. बिपिन रावत 31 दिसंबर 2019 को सीडीएस नियुक्त किए गए थे.
With deep regret, it has now been ascertained that Gen Bipin Rawat, Mrs Madhulika Rawat and 11 other persons on board have died in the unfortunate accident.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 8, 2021
ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में बेचैनी…दुआओं का दौर जारी, हाल जानने को बेचैन परिजन
लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे थे. उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है. बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र थे. उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर ‘से सम्मानित किया गया था.
बिपिन रावत की पत्नी मधूलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं थीं. वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं. बिपिन रावत अपने पीछे दो बेटियों को छोड़कर गए हैं. एक बेटी का नाम कृतिका रावत है. अब उनके सिर से मां-बाप दोनों का साया उठ गया है. CDS बनाए जाने से पहले बिपिन रावत 27वें थल सेनाध्यक्ष थे. आर्मी चीफ बनाए जाने से पहले उन्हें 1 सितंबर 2016 को भारतीय सेना का उप-सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था.
बिपिन रावत को आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का कई वर्षों का अनुभव था. बिपिन रावत ने ऊंचाई वाले युद्ध क्षेत्रों में भी कई सालों तक काम किया. उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल आदि सम्मानों से नवाजा गया था.