उत्तराखंड: 30 साल बाद अचानक घर लौट आया सुयाल परिवार का लापता बेटा, माँ ने ऐसे पहचान

0

हल्द्वानी: हल्द्वानी जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिस पर अपने भी भरोसा नहीं कर पा रहा है। उनको यकीन ही नहीं हो पा रहा है कि आखिर ऐसे कैसे हो सकता है। आस-पड़ोस के लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं समझ रहे हैं। यहां तीस साल बाद एक बेटा अचानक अपने घर लौट आया।

हल्द्वानी शहर से सटे बिंदुखत्ता के इलाके से एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जिसने हर किसी को अचंभित कर दिया है। दरअसल एक बेटा जो आज से 30 साल पहले अचानक कहीं लापता हो गया था। जो खूब तलाश के बाद भी कहीं नहीं मिला। अब वही बेटा अचानक से अपने घर पहुंच गया है। इस मौके पर पूरे परिवार की आंखों में खुशी के आंसु आ गए। मां ने बेटे को पहचानने के लिए उसकी अंगुली देखी और उसके बाद उसे गले से लगा लिया।

जानकारी के मुताबिक हल्द्वानी के शांतिपुरी के निकट स्थित शिवपुरी बिंदुखत्ता निवासी भुवन सुयाल अब से करीब 30 साल पहले उस वक्त लापता हो गए थे जब वो बाजार खाद लेने गए थे तब भुवन की साइकिल तो मिली लेकिन बेटे का कहीं पता नहीं चल सका। अपने दो बच्चों को छोड़कर कहीं गुम हो चुके भुवन को परेशान परिजन कई सालों तक बिहार, दिल्ली, रानीखेत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ आदि शहरों में भुवन को खोजते रहे, लेकिन भुवन का पता नहीं चला।

ऐसे में बीते 19 मार्च की शाम यानी होली के शुभ दिन भुवन अचानक घर लौट आया। जिसे देखकर घरवाले एकदम सन्न रह गए। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि कोई 30 साल बाद भी लौट सकता है। भुवन ने घर पहुंचकर अपने ही बुजुर्ग पिता से पूछा कि क्या यही दुर्गादत्त सुयाल का घर है। इतने में भुवन के छोटे भाई त्रिलोक ने उन्हें पहचान लिया। पिता दुर्गादत्त और मां कुरनी देवी ने बेटे की बाएं हाथ की अंगुली देखी जो बचपन में कट गई थी। पहचान होने के बाद हर किसी की आंखों में आंसु थे। लोग इसे चमत्कार कह रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here