वोट चोर गद्दी छोड़ के नारों से गूंजा राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय

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देहरादून: देश व्यापी वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के तहत आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रिंग रोड स्थित राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय का घिराव कर वहां जबरदस्त प्रदर्शन किया व प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टीनेंट जनरल गुरमीत सिंह से तत्काल राज्य के राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को बर्खास्त करने की मांग की।

अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार काफी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में साढ़े बारह बजे राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय पहुंचे जहां कार्यक्रम की सूचना पा कर पहले ही बड़ी संख्या में सीओ रायपुर के नेतृत्व में भरी पुलिस बल तैनात था। आयोग के कार्यालय के मुख्य द्वार से श्री धस्माना के नेतृत्व में कार्यकर्ता हाथों में तख्तियां लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय की ओर बड़े जहां सीओ रायपुर ने धस्माना को बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय में उपस्थित नहीं है जिस पर धस्माना व अन्य कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और पूरा आयोग परिसर वोट चोर गद्दी छोड़ के नारों से गूंज उठा।

काफी देर तक प्रदर्शन के बाद आयोग के सचिव राहुल प्रदर्शनकारियों केे बीच पहुंचे और कहा कि कोई ज्ञापन हो तो वे उनको सौंप दें जिस पर धस्माना ने कहा कि आज वे ज्ञापन देने नहीं बल्कि राज्य निर्वाचन आयुक्त को कुर्सी से हटाने आए हैं क्योंकि राज्य निर्वाचन आयुक्त ने प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में पंचायती राज कानून का उल्लंघन किया और राज्य के चुनावों को प्रभावित करने वाला कानून विरोधी कार्य किया जिसके कारण राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय नैनीताल ने दो बार स्थगन आदेश पारित किए और बाद में जब राज्य निर्वाचन आयोग उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय गया तो उसको न केवल प्रताड़ना मिली बल्कि दो लाख रुपए अर्थदंड भी राज्य निर्वाचन आयोग के ऊपर लगाया गया जो न केवल शर्म की बात है बल्कि सीधे सीधे राज्य निर्वाचन आयोग को देश के सर्वोच्च न्यायालय ने वोट चोरी का दोषी माना है इसलिए उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक मिनिट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है।

अतः उनको स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए था किंतु वे बेशर्मी से अपनी कुर्सी से चिपके बैठे है इसलिए राज्यपाल को उन्हें तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए वरना भविष्य में किसी भी दिन कांग्रेस के कार्यकर्ता स्वयं उनको कुर्सी से उठा कर राज्य निर्वाचन आयोग दफ्तर से बाहर करने के लिए मजबूर होंगे। धस्माना ने कहा कि देश में वोट चोरी के दो मामले जो न्यायालय की दृष्टि में सिद्ध हुए हैं उनमें पहला चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह का मामला है जिसमें वे वोटों की चोरी करते हुए कैमरे में साफ साफ पकड़े गए और माननीय उच्चतम न्यायालय ने उसका संज्ञान ले कर उनको प्रताड़ना दी व चंडीगढ़ के मेयर का निर्वाचन दुरुस्त कर मसीह द्वारा घोषित मेयर को पद से हटा कर हराए गए मेयर को निर्वाचित घोषित किया व दूसरा मामला वोट चोरी का जो न्यायालय की दृष्टि में सिद्ध हुआ वह उत्तराखंड के इस वर्ष संपन्न त्रि स्तरीय पंचायत चुनावों में दो जगह नाम वाले मतदाताओं को पंचायती राज कानून के विपरीत चुनाव लड़ने की अनुमति दे कर उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने की।

राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय नैनीताल ने स्थगन आदेश दिया फिर इस पर अमल करने के लिए कहा किन्तु राज्य निर्वाचन आयोग ने उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया और ऐसे लोग राज्य में चुनाव लड़े जिनके नाम दो या दो से अधिक मतदाता सूची में थे। धस्माना ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी धृष्टता दिखाते हुए न केवल उच्च न्यायालय की अवमानना की बल्कि उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय पहुंच गया जहां न केवल माननीय उच्चतम न्यायालय ने उनके विरुद्ध टिपण्णी की बल्कि राज्य निर्वाचन आयोग पर दो लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया।

धस्माना ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से जहां राज्य निर्वाचन आयोग के कानून विरुद्ध कम करना साबित हुआ वहीं यह भी साबित हुआ कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के साथ मिल कर वोट चोरी में सहयोग किया इसलिए ऐसे राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक पल भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। धस्माना ने कहा कि जब तक सुशील कुमार को बर्खास्त नहीं किया जाता कांग्रेस उनके विरुद्ध अपना आंदोलन जारी रखेगी।

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